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ऑपरेशन पोलो से CAA का एक गहरा सम्बन्धऑपरेशन पोलो से CAA का एक गहरा सम्बन्ध

जब भी आर्टिकल 370 की बात होती है तो सबके जुबान पर जम्मू एंड कश्मीर का नाम सबसे पहले आता है | और आएगा भी क्यों नहीं | जम्मू एंड कश्मीर की हिस्ट्री, जियोग्राफी और पॉलिटिक्स में इसका बड़ा योगदान रहा है | जैसे अमित शाह जी का ये वाला बयान जान दे देंगे इसके लिए क्या बात कर रहे हैं आप ? या मोदी जी का एक पुराना बयान लाल चौक में फैसला हो जाएगा कि किसने अपनी माँ का दूध पीया है | हालांकि अब 370 को हटा दिया गया है लेकिन 370 लगाया क्यों गया था ये जानना हम सभी के लिए बेहद जरूरी है | चलते हैं आज़ादी से पहले वाले भारत में | आज़ादी से पहले पाकिस्तान , भारत और बांलादेश तीनों पर ब्रिटिशर्स का राज था लेकिन ये राज भी दो हिस्सों में था एक हिस्सा जिसपर ब्रिटिशर्स पूरी तरह से राज करते थे और एक हिस्सा जिसपर ब्रिटिशर्स राजा या निज़ाम के साथ मिलकर राज करते थें | जहां पूरा राज था उसको ब्रिटिश इण्डिया का नाम दिया गया और जहाँ मिली भगत थी उसको प्रिंसली स्टेट कहा गया | प्रिंसली स्टेट में ब्रिटिशर्स केवल डिफेन्स, फॉरेन अफेयर्स और कम्युनिकेशन संभालते थे और बाकी वहाँ के राजा या निज़ाम | जिसमे जम्मू एंड कश्मीर , जोधपुर , हैदराबाद जैसे कई प्रिंसली स्टेट थें | एक अनुमान के मुताबिक़ कुल 535 प्रिंसली स्टेट थें | 1947 में लार्ड माउंटबेटन प्लान आया जिसमे प्रिंसली स्टेट किसी हिन्दुस्तान, पाकिस्तान के साथ जुड़ सकते थें या स्वयं को स्वतंत्र रखने का फैसला ले सकते थें | जिसके बाद ऐसा ही हुआ और सब कुछ होने के बाद 15th अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ |

अब बारी आयी इन प्रिंसली स्टेट को अपनी ओर लाने की | भारत ने अधिकतर प्रिंसली स्टेट को शाम, दाम, दंड, भेद से अपने खेमे में ले लिया लेकिन जूनागढ़ , जम्मू एंड कश्मीर और हैदराबाद पर पेंच फस गया | लेकिन कैसे भी करके भारत ने जूनागढ़ को अपने कब्जे में ले लिया | अब जम्मू एंड कश्मीर और हैदराबाद पर कूंच करना था | हैदराबाद के जो निज़ाम थें जिनका नाम मीर उस्मान अली खान था वो ये चाहते थें कि हैदराबाद इंडिपेंडेंट रहे और अगर मजबूरी में किसी ओर जाना पड़ा तो निज़ाम पकिस्तान का दामन थामेंगे | लेकिन हैदराबाद में हिन्दुओं की आबाद ज्यादा थी जिसके कारण हैदरबाद को भारत में आकार मिलना था लेकिन वहाँ के निज़ाम मुस्लिम थें और वह हैदरबाद को पाकिस्तान में मिलाना चाहते थें | अगर आप हैदाबाद को देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि हैदराबाद इण्डिया के बिल्कुल बीच में है | इसलिए हैदराबाद को पाकिस्तान के हवाले करना इम्पॉसिबल था | अब इसको लेकर इण्डिया निज़ाम से लगातार बात करती रहती हो और काफ़ी प्रेशर बनाने के बाद 29 नवंबर 1947 को एक एग्रीमेंट पर साइंन किया गया जिसका नाम था स्टैंड स्टिल एग्रीमेंट | इस एग्रीमेंट में हैदराबाद को एक साल तक भारत के साथ सम्बन्ध रखने थे और उन सम्बन्धो के अनुसार ही आगे का फैसला होना था | लेकिन निज़ाम को तो पाकिस्तान पसंद था | इसलिए हैदराबाद के निज़ाम ने पाकिस्तान से अपने रिश्तों को मजबूत करना शुरू किया और बहुत सारी स्ट्रैटेजी बनाई और इसी एक साल के अंदर उसने अपनी एक आर्मी बना ली जिसे रज़ाकार बोला जाता था | ये आर्मी हैदराबाद से बॉर्डर पार करके भारत में जाती थी और वहाँ पर मार-काट मचाती थी | चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम सभी को अपना निशाना बनाती थी | रज़ाकार आर्मी का मानना था कि हैदराबाद राज्य नहीं बल्कि एक देश है और इसे इंडिपेंडेंट रहने का अधिकार है | जब पानी सर से ऊपर उठ गया तब भारत को सारे काम छोड़ कर इंडियन आर्मी को हैदराबाद भेजना पड़ गया | जिसपर नेहरू जी बेहद नाराज़ थें लेकिन सरदार बल्लभभाई पटेल बिना वक़्त गवाए आर्मी को हैदराबाद भेज देते हैं | इस पूरे ऑपरेशन को ऑपरेशन पोलो नाम दिया गया था | इस ऑपरेशन से 2 दिनों के अंदर हैदराबाद इण्डिया के कण्ट्रोल में आ जाता है | जिसके निज़ाम मीर उस्मान अली खान भारत के साथ इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ अक्सेशन साइन कर लेते हैं |

एक मुद्दा ख़त्म हुआ और इसके बाद बारी आयी जम्मू एंड कश्मीर की, 370 की | जम्मू एंड कश्मीर में करीब 77 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी और यहां पर भी राजतंत्र था | कभी मुस्लिम राजा राज करता था तो कभी हिन्दू राजा और इसी का परिणाम था भेदभाव | जब हिन्दू राजा आये तब हिन्दू आगे बढे और जॉब मुस्लिम राजा आये तो मुस्लिम | ऐसे में जम्मू एंड कश्मीर के राजा हरिसिंग पर भी ऐसे ही आरोप लगते थें की वो भी इस प्रकार का भेदभाव करते हैं | जिसको लेकर जम्मू एंड कश्मीर में 1931 में सबसे बड़ा प्रोटेस्ट होता है | जिसमे फ़ारूक़ अब्दुल्लाह के पिता सेख अब्दुल्लाह सबसे आगे होते हैं और वो नारा देते हैं कि राजा को हटाओ और डेमोक्रेसी ले के आओ | लेकिन राजा को तो इंडिपेंडेंट रहना था और अपना राजतंत्र बचाना था | भारत चाहता था की राजा इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ अक्सेशन पर साइन कर दें | लेकिन राजा सिर्फ स्टैंड स्टिल एग्रीमेंट पर साइन करने को राजी थें और उन्होंने पाकिस्तान के साथ इस दस्तावेज पर साइन कर लिया | जिसका मतलब ये थे की जम्मू एंड कश्मीर और पाकिस्तान के बीच में ट्रेड , ट्रैवल ,कम्युनिकेशन , एसेंशियल कमोडिटी आराम से इधर की उधर होंगी लेकिन भारत ने इस एग्रीमेंट पर अभी तक साइन नहीं किया था | और पाकिस्तान इस एग्रीमेंट के बहाने जम्मू एंड कश्मीर को पाकिस्तान से जोड़ने में लग गया | उसे जम्मू एंड कश्मीर किसी भी कीमत पर चाहिए था | जिसके बाद पाकिस्तान ने स्टैंड स्टिल एग्रीमेंट को तोड़ कर जम्मू एंड कश्मीर पर हमला कर दिया | जिससे डर के राजा हरि सिंह भारत की शरण में आये और इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ अक्सेशन पर 26 अक्टूबर 1947 को साइन कर दिया |

इस इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ अक्सेशन में एक ख़ास बात लिखी थी जिसने 370 को जन्म दिया और वो ये थी कि इण्डिया का जो कंस्टीटूशन है वो जम्मू एंड कश्मीर पर नहीं चलेगी | इण्डिया का पर्लियामेंट इण्डिया के लिए चाहे जो लॉ बनाये लेकिन जम्मू एंड कश्मीर पर केवल तीन चीज़ों को लेकर ही लॉ बना सकता है | पहला डिफेन्स , दूसरा एक्सटर्नल अफेयर्स और तीसरा कम्युनिकेशन | लेकिन अगर नया लॉ बनाना हो तो जम्मू एंड कश्मीर की कॉन्सटूएंट असेम्बली से परमिशन लेनी होगी | अब दिलचस्प बात ये थी की जम्मू एंड कश्मीर की कॉन्सटूएंट असेम्बली ये लॉ बनाने के बाद गायब हो गयी जिसके कारण आर्टिकल 370 को हटाना अब नामुमकिन सा हो गया और जिसे लेकर वहाँ के नेता लगातार यही कहते दिखें की जम्मू एंड कश्मीर से आर्टिकल 370 को कोइ हटा नहीं सकता | लेकिन इसे हटाया गया और एक तगड़ी प्लानिंग के तहत हटाया गया | इसलिए आर्टिकल 370 में आर्टिकल 35A को जोड़ा गया और इण्डिया पार्लियामेंट के सारे कोस्टीटूशन को लागू कर दिया गया | बीजेपी ने एक नारा दिया कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम आर्टिकल 370 को हटा देंगे और चुनाव के बाद 87 सीट्स में से 25 सीट्स बीजेपी को मिली और उसने पीडीपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाई | लेकिन 2 साल बाद बीजेपी पीडीपी से अपना सपोर्ट वापस ले लेती है और सरकार गिर जाती है जिसके बाद सरकार चलाने के लिए 6 महीनो के लिए गवर्नर सत्यपाल मलिक को जम्मू एंड कश्मीर भेजा जाता है | 6 महीने तक कोई सरकार ना बन पाने के कारण राष्ट्रपति शाशन लागू हो जाता है | जिसके बाद सारी शक्ति गवर्नर के हाथों में चली जाती है और इंडियन पार्लियामेंट के लॉ के अनुसार आर्टिकल 370 को जम्मू एंड कश्मीर के कॉन्सटूएंट असेम्बली वाले लॉ की सभी शर्तों को फॉलो करते हुए आर्टिकल 370 को हटा दिया जाता है |

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