पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह का निजी जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने तीन शादियां कीं। पहली पत्नी ने शादी के नौ महीने बाद ही खुदकुशी कर ली थी। जानें पूरी कहानी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का करीब तीन साल दस महीने पहले अपहरण कराने, रंगदारी मांगने और गालीगलौज कर धमकाने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को एडीजे चतुर्थ (एमपी-एमएलए) शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने दोषी पाया है। बहस के बाद अदालत ने दोनों को सजा सुना दी। अदालत ने धनंजय और संतोष विक्रम को दोष सिद्ध वारंट बनाकर जिला जेल भेज दिया है। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले का अभियुक्त पूर्व सांसद है। उसके ऊपर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसका क्षेत्र में काफी नाम है, जबकि वादी मात्र सामान्य नौकर है। ऐसी स्थिति में वादी का डरकर अपने बयान से मुकर जाना अभियुक्त को कोई लाभ नहीं देता है, जबकि मामले में अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य मौजूद हों।
मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई, 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी और अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह और दो अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभिनव सिंघल का आरोप था कि संतोष विक्रम सिंह और अन्य दो लोग पचहटिया स्थित साइट पर आए थे। वहां से असलहे के बल पर चारपहिया वाहन से उनका अपहरण कर मोहल्ला कालीकुत्ती स्थित धनंजय सिंह के घर ले जाया गया। धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आया और गालीगलौज करते हुए उनकी फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव डालने लगा। उनके इन्कार करने पर धमकी देते हुए धनंजय ने रंगदारी मांगी। किसी प्रकार से उनके चंगुल से निकलकर लाइन बाजार थाने गए और आरोपियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने धनंजय सिंह को उसके आवास से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से वह न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत पर धनंजय जेल से बाहर आया था। मुन्ना बजरंगी के गुरु की तस्वीर लेकर प्रचार किया, बना विधायक
जौनपुर पुलिस के मुताबिक, विनोद नाटे नाम के एक बाहुबली नेता हुआ करते थे। विनोद को कुख्यात मुन्ना बजरंगी का गुरु भी कहा जाता है। विनोद नाटे ने रारी विधानसभा से चुनाव जीतने के लिए खासी मेहनत की थी। उसी दौरान सड़क दुर्घटना में विनोद की मौत हो गई। इसके बाद धनंजय ने विनोद की तस्वीर को अपनी राजनीति का सहारा बनाया और लोगों की संवेदनाएं बटोरते हुए 2002 में वह रारी से निर्दलीय विधायक बना। 2007 में धनंजय ने जनता दल यूनाइटेड के सिंबल पर विधायक का चुनाव जीता। 2008 में धनंजय बहुजन समाज पार्टी में शामिल होकर 2009 में जौनपुर से सांसद का चुनाव जीत। वर्ष 2011 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने धनंजय को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में बाहर निकाल दिया। उसके बाद से धनंजय सिंह को विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में सफलता नहीं मिली। निजी जीवन उतार-चढ़ाव भरा, तीन शादी की धनंजय सिंह का निजी जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा और बाहुबली ने तीन शादियां कीं। धनंजय की पहली पत्नी ने शादी के नौ महीने बाद ही आत्महत्या कर ली थी। दूसरी पत्नी डॉ. जागृति सिंह घरेलू नौकरानी की हत्या के आरोप में नवंबर 2013 में गिरफ्तार हुई। इस मामले में सबूत मिटाने के आरोप में धनंजय भी नामजद था। हालांकि बाद में जागृति से धनंजय का तलाक हो गया। वर्ष 2017 में धनंजय ने दक्षिण भारत के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्रीकला रेड्डी से पेरिस में शादी की। फिलहाल, श्रीकला रेड्डी जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। बनारस में हुआ काफिले पर हमला, चल रहा है मुकदमा धनंजय सिंह और अभय सिंह वर्ष 2002 आते-आते एक-दूसरे के खिलाफ हो गए थे। अक्तूबर 2002 में बनारस से जा रहे धनंजय के काफिले पर नदेसर में टकसाल टॉकीज के सामने गोलीबारी हुई। गोलीबारी में धनंजय के गनर सहित काफिले में शामिल अन्य लोग घायल हुए थे। प्रकरण को लेकर धनंजय ने कैंट थाने में अभय सिंह सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा फिलहाल विचाराधीन है।