कन्हैया पोडियम पर खड़े होकर कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस के एमएलसी समीर सिंह वहां पहुंच गए और कन्हैया कुमार को आगे नारेबाजी करने से रोक दिया। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने औरंगाबाद में जनसभा को संबोधित किया। राहुल गांधी की मौजूदगी में मंच पर उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब पार्टी के नेता और बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके कन्हैया को मंच पर नारा लगाने से रोक दिया गया। यह काम पार्टी के एमएलसी समीर सिंह ने ने किया। विधान पार्षद द्वारा मना किए जाने पर कन्हैया ने पहले तो तल्खी दिखाई लेकिन, फिर जाकर अपनी सीट पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जयराम रमेश, बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह समेत कई बड़े नेता मंच पर मौजूद थे।दरअसल भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दूसरे चरण के दौरान औरंगाबाद के गांधी मैदान में राहुल गांधी की जनसभा थी। कांग्रेस पार्टी ने इसे सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। जैसे ही राहुल गांधी मंच पर पहुंचे, उनके पक्ष में नारेबाजी शुरू हो गई। पार्टी नेता कन्हैया पोडियम पर खड़े होकर कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस के एमएलसी समीर सिंह वहां पहुंच गए। उन्होंने कन्हैया कुमार को आगे नारेबाजी करने से रोक दिया। कहा कि नेताओं को बोलने के लिए बुलाना है। वे लोग मना कर रहे हैं। उन्हें बोलने के लिए कहना है। इशारे में कन्हैया को बैठ जाने के लिए कहा और उसके बाद समीर सिंह खुद राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कन्हैया कुमार थोड़ी देर के लिए असहज होते हुए दिखे लेकिन, मौके की नजाकत को समझते हुए जाकर अपनी सीट पर बैठ गए। उसके बाद समीर समीर सिंह राहुल गांधी जिंदाबाद, मल्लिकार्जुन खरगे जिंदाबाद, वेणु गोपाल साहब जिंदाबाद, अखिलेश प्रसाद सिंह जिंदाबाद जैसे नारे लगाते रहे।उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा सामाजिक न्याय की अगुवाई की है। जब भी सामाजिक न्याय की बात होती है तो पूरा देश बिहार की ओर देखता है। राहुल गांधी ने कहा कि गरीब व्यक्ति किसान जितनी भी कोशिश कर ले उन्हें न्याय नहीं मिल सकता। मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का 14 लाख करोड़ माफ कर दिया है, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है। मनरेगा का बजट मात्र 70 हजार करोड़ है और 14 लाख करोड़ का कर्ज अमीर लोगों का एक सेकंड में माफ हो जाता है। चीन का सामान भारत के 10-15 अरबपति यहां बेचते हैं, जिनको सीधे तौर पर फायदा होता है। जो छोटे व्यवसायी हैं, उनको जीएसटी और नोटबंदी से जूझना पड़ता है।