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जानिये कैसे हुआ गर्भनिरोधक गोलियों का आविष्कार, जानिये कौन थे IVF और गर्भनिरोधक गोलियों के आविष्कारक

गर्भधारण को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का आविष्कार किया गया था | आजकल बर्थ कंट्रोल पिल्स बहुत कॉमन हो गई हैं | आपने भी कभी न कभी गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) का प्रयोग ज़रूर किया होगा | क्या आपको पता है की इसके जनक कौन थे ? आपको बता दें 9 अप्रैल 1903 को न्यू जर्सी में एक ऐसे साइंटिस्ट का जन्म हुआ, जिसने महिलाओं की दुनिया ही बदल दी | अमेरिकी बायोलॉजिस्ट और शोधकर्ता ग्रेगोरी गुडविन पिंकस ने दुनिया की पहली गर्भनिरोधक दवा बनाई थी | एक ऐसी गोली, जिसने महिलाओं को नया जीवन दिया | अपनी इच्छा से गर्भधारण करने की सहूलियत दी | बचपन से ही खोजी स्वभाव के पिंकस ने एक ऐसी कॉट्रासेप्ट‍िव पिल बनाई, जिसकी मदद से महिलाएं गर्भवती होने से बच सकती हैं | ग्रेगोरी की उत्सुकता हार्मोनल चेंज और रिप्रोडक्शन प्रोसेस में होने वाले बदलाव में थी. रिप्रोडक्शन प्रक्रिया को क्या बीच में रोका जा सकता है, क्या गर्भधारण को रोका जा सकता है जैसे सवाल ग्रेगोरी के दिमाग में कौंधते रहते थे | अपने इन्हीं सवालों के जवाब के रूप में ग्रेगोरी गुडविन पिंकस (Gregory Goodwin Pincus) को 1934 में पहली बार इस क्षेत्र में बड़ी कामयाबी मिली, जब खरगोश में विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रोड्यूस करने में वो कामयाब हुए | ग्रेगोरी ने कम्बाइंड कॉन्ट्रासेप्ट‍िव पिल्स का भी आविष्कार किया | ग्रेगोरी गुडविन पिंकस ने ‘द कंट्रोल ऑफ फर्टिलिटी’ और ‘द एग्स ऑफ मैमल्स’ नाम की किताबें भी लिखीं, जो आज भी इस क्षेत्र में होने वाले शोध में मददगार साबित होती हैं |

ग्रेगोरी के पिता जोसेफ पिकस एक एग्रीकल्चर टीचर थे | ग्रेगोरी के दो चाचा पेशे से कृषी शोधकर्ता थे | उनको देखकर ग्रेगोरी की दिलचस्पी भी रिसर्च में बढ़ने लगी | साल 1924 में cornell university से बैचलर की डिग्री लेने के बाद ग्रेगोरी Harvard University में Zoology के इंस्ट्रक्टर बन गए | इसके साथ-साथ वो अपनी मास्टर्स और डॉक्टरेट डिग्री भी पूरी करते रहे | साल 1927 से 1930 के बीच ग्रेगोरी ने इंग्लैंड के Cambridge University से लेकर Kaiser Wilhelm Institute for biology में रिसर्च पर काम किया और साल 1931 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एसिस्टेंट प्रोफेसर बन गए | आज आप जिस IVF को तकनीक के क्षेत्र में नवीनतम सहूलियत मानते हैं, उसका अविष्कार दरअसल साल 1934 में हो चुका है | ग्रेगोरी को साल 1967 में अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन के साइंटिफिक अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया | आज इन्ही साइंटिस्ट की दें है कि आज पूरे विश्व में गर्भनिरोधक गोलियां आसानी से मिल जाती हैं |

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