Sat. Jul 27th, 2024
"शान्ति पुरुष लालबहादुर शास्त्री, भारतीय राजनीतिक इतिहास के महत्वपूर्ण नेता। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 में हुआ था, और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना पूरा समर्पण किया। उनका नेतृत्व और शांति से भरा जीवन एक महान योगदान था। #लालबहादुरशास्त्री #भारतीयनेता""शान्ति पुरुष लालबहादुर शास्त्री - भारतीय राजनीतिक नेता का अद्वितीय योगदान। #लालबहादुरशास्त्री #भारतीयराजनीति #शान्तिपुरुष"

शान्ति पुरुष लालबहादुर शास्त्री, भारतीय राजनीतिक इतिहास के महत्वपूर्ण नेता में से एक थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के नौगाँव गाँव में हुआ था। लालबहादुर शास्त्री ने अपनी शिक्षा का प्रारंभ नौगाँव में की और उन्होंने वाराणसी में हिन्दू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका विद्यार्थी जीवन उच्च आदर्शों और नैतिकता के साथ गुजरा, और उन्होंने छात्र नेता के रूप में अपने प्रेरक भाषणों के लिए पहचान बनाई। 1928 में लालबहादुर शास्त्री ने नौकरी की तलाश में अपने परिवार के साथ पैदल यात्रा की और उन्होंने पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने पूरे जीवन को समर्पित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कई बार ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और विभाजन के समय अपनी प्रेरक भाषणों के लिए मशहूर थे।

शास्त्री जी का साहित्यिक और राजनीतिक योगदान उन्हें बहुत लोकप्रिय बना दिया। लालबहादुर शास्त्री ने 1951 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में सदस्य बनने के बाद अपने प्रशासनिक योगदान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और उनका नेतृत्व भारतीय जनता के बीच में बहुत लोकप्रिय था।लालबहादुर शास्त्री ने 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान अपनी महान नेतृत्व कौशल का परिचय किया, जब उन्होंने तय किया कि उनका परिवार और देश के बीच कोई संबंध नहीं होना चाहिए। उनकी मृत्यु 11 जनवरी 1966 को तब हुई जब उन्होंने तय किया कि उनका समर्पण देश के लिए रहना चाहिए।

लालबहादुर शास्त्री जी का धर्म से जुड़ा एक बड़ा प्रसिद्द किस्सा है | 1965 में भारत-पाक युद्ध के समय, शास्त्री जी ने अपने साथी सचिवों के साथ रात्रि में कश्मीर संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने तब निर्णय लिया कि वे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक यज्ञ करेंगे। शास्त्री जी ने जबलपुर के एक गाँव में गाय के साथ एक यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ के दौरान, उन्होंने मानवता के लिए शांति की प्रार्थना की और भगवान शिव से सही निर्णय के लिए शक्ति मांगी। यज्ञ के बाद, उन्हें एक दिव्य अनुभव हुआ, जिसमें उन्हें एक दिव्य ज्यों की रोशनी में दिखाई दी गई। इसके बाद, उन्होंने विशेष रूप से शक्ति प्राप्त की और उन्हें सही निर्णय लेने की क्षमता मिली। इस दिव्य अनुभव के पश्चात, शास्त्री जी ने भारत-पाक युद्ध के समय शांति समझौते पर हस्ताक्षेप किया और देश को सही दिशा में लाने के लिए योग्य नेतृत्व प्रदान किया जिसे हम ‘जईसे जवान दैव’ नाम से जानते हैं |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *