Sat. Jul 27th, 2024

लंबे इंतजार के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनाकर अयोध्या में तैयार हो चुका है । उसमें भगवान श्री राम की मनोहरी मूर्ति भी स्थापित हो गई है। 22 जनवरी को इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। तो अपने ब्लॉग ‘आस्था के सफर’ में आज हम इस मूर्ति के बारे में ही बात कर लेते हैं कि आखिर यह मूर्ति कैसी है. देखने में कैसी लगेगी, कितना वजन है, कितनी बड़ी मूर्ति है और जो वर्तमान मूर्ति जिनकी पूजा होती है उनका क्या होगा, इन सब बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ते रहिए। कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगिराज ने तैयार की है मूर्ति दोस्तों अपने ब्लॉग ‘आस्था का सफर’ के जरिए हम आपको धर्म से जुड़ी हुई तमाम जानकारियां पहुंचाते हैं। क्योंकि भगवान श्री राम के मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रस्तावित है इसलिए चारों तरफ काफी उल्लास का माहौल है। उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में राम नाम की गूंज सुनाई दे रही है। इसलिए आज हम आपको राम मंदिर में स्थापित होने वाली नई मूर्ति से जुड़े कुछ बिंदुओं को बताएंगे। कृष्ण शिला पर बनी है भगवान राम के बालक अवस्था वाली प्रतिमा दोस्तों राम मंदिर के गर्भ गृह में जो प्रतिमा लगी है वह डेढ़ से दो कुंतल बजन की है। इस प्रतिमा को कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार किया गया है जो की कृष्ण शिला पर बनाई गई है। हालांकि इस काम के लिए तीन मूर्तिकारों को लगाया गया था लेकिन राम जन्म भूमि मंदिर ट्रस्ट को अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति ही पसंद आई है। इस मूर्ति में भगवान श्री राम को पांच साल उम्र के बालक अवस्था में दिखाया गया है। अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के काम आएंगी यह वर्तमान मूर्तियां अब सवाल यह उठता है कि जब नई मूर्ति मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित हो जाएगी तो फिर पुरानी मूर्तियां जिनकी अभी पूजा होती है उनका क्या होगा ?, इसके बारे में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि पुरानी मूर्तियां भी मंदिर में रहेंगी। नई मूर्ति अचल होगी जबकि पुरानी मूर्तियां चल होंगी। इन्हें विभिन्न उत्सवों के मौके पर दर्शनार्थ या फिर पूजा पाठ के लिए बाहर निकाला जाएगा। नई मूर्ति गर्भ गृह में स्थापित हो चुकी है। वैदिक वैदिक मंत्रोचारण के बीच 22 जनवरी को इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। जिसके लिए 12 बजे से लेकर एक बजे तक का शुभ मुहूर्त निकाला गया है। मूर्ति में भगबान श्री राम कमल के पुष्प पर विराजमान है।

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