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शामली। एसटीएफ मेरठ यूनिट ने शामली से फरार चल रहे कथित आईएसआई एजेंट तहसीम को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार एजेंट को सुरक्षा के बीच शामली कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया गया है, जिसके के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले फरार आईएसआई एजेंट की गिरफ्तारी से स्थानीय पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।दरअसल, शामली के मोहल्ला नौकुआ में रहने वाले 70 वर्षीय नफीस अहमद अपनी 65 वर्षीय पत्नी अमाना और 35 वर्षीय बेटे कलीम के साथ अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान गए थे। जुलाई 2022 में वापस लौटते समय पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें वाघा बार्डर पर पकड़ लिया था, जिन्हें पाकिस्तान की जेल में डाल दिया गया था।
अगस्त 2023 में तीनों पाकिस्तान की जेल से रिहा हुए थे, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने वाघा बॉर्डर पर परिवार को सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया था।

इसके बाद कड़ी निगरानी में परिवार के लोगों को शामली लगाया गया था, हालांकि कुछ दिनों बाद ही एसटीएफ ने कलीम और उसके बड़े भाई तहसीम के आईएसआई एजेंट होने का खुलासा करते हुए पाकिस्तान से लौटे कलीम को गिरफ्तार कर लिया था, जो फिलहाल जेल में हैं।एसटीएफ ने मुकदमें में कलीम के भाई तहसीम को भी आतंकवादी गतिविधियों और आईएसआई का एजेंट होने के आरोप में मुकदमें में नामजद किया था, जो फरार चल रहा था। बताया जा रहा है कि एसटीएफ मेरठ यूनिट ने फरार एजेंट को मेरठ—करनाल हाईवे पर स्थित गढ़ी सखावत पुल के नीचे से गिरफ्तार कर शामली कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

फरार आईएसआई एजेंट तहसीम की गिरफ्तारी के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ गई हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व इसे सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है, क्योंकि पूर्व में एसटीएफ शामली निवासी आईएसआई एजेंट कलीम व तहसीम द्वारा पाकिस्तान में देश की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां अपने आकाओं को भेजे जाने का भी खुलासा कर चुकी है।

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