जैसे-जैसे राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का दिन निकट आता जा रहा है वैसे-वैसे सियासत भी इस सर्द मौसम में गर्म होती दिख रही है | इस भव्य मंदिर निर्माण के आयोजन में कई बड़े नेता, समाजसेवी, साधु संत, और वाराणसी के भिखारियों को भी बुलाया जा रहा है | अब ऐसे में समाजवादी पार्टी के मुखिया को अभी तक निमंत्रण पत्र ना मिलना भी एक सवाल है और ये सवाल समाजवादी पार्टी का है और यही सवाल विपक्षी गठबंधन के नेताओं का भी है | बीजेपी और विपक्षी गठबंधन के नेताएक-दूसरे पर सियासी तीखे तीर चला रहे हैं। राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण के मामले पर मंगलवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा। निशाना साधेंगे भी क्यों नहीं क्योंकि बात प्राण-प्रतिष्ठा की है , मान सम्मान की है उनकी प्रभु श्रीराम के लिए भक्ति की है |
इस समारोह को लेकरके अखिलेश यादव ने कहा, “ये भगवान का कार्यक्रम है, भगवान से बड़े मुख्यमंत्री नहीं हो सकते। भगवान से बड़ा कोई नहीं हो सकता। हम भी नहीं है, आप भी नहीं है, कोई भी नहीं है। भगवान जिसको बुलाएंगे वह अपने आप दौड़ा चला जाएगा।” उन्होंने ताना कसते हुए आगे कहा, ” ये भी सही है भगवान कब किसको बुला लें यह भी किसी को नहीं पता। इतना करीब भगवान के हैं वो लोग..तो क्या उन्हें तारीख पता है..और ये बातें अगर मुख्यमंत्री कह रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि बीजेपी के लोग सूची बना रहे हैं कौन अतिथि होगा..कौन आएगा..कौन नहीं आएगा। यह भगवान श्रीराम का कार्यक्रम है। इसमें इन लोगों (बीजेपी) को कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। भगवान जिसको बुलाएंगे वो जाएंगे। रामलला के प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब भगवान बुलाएंगे वो जाएंगे।” यह बात जब विश्व हिन्दू परिषद् के प्रवक्ता विनोद बंसल के कानो में पड़ी तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, “अगर अखिलेश यादव राम मंदिर के बुलावे पर रामद्रोही बनकर जाएंगे तो उसका असर है..लेकिन अगर रामभक्त बनकर जाओगे तो उसका अलग असर है। अब कितना असर किस पर ये तो 22 जनवरी को पता चल ही जाएगा |
बीजेपी की वर्षों की मेहनत और बीजेपी का सबसे बड़ा मुद्दा राम मन्दिर निर्माण का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होना है | इस आगामी अवसर को लेकरके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक होगा। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम सभी सनातनियों के लिए गौरव का अवसर है और 22 जनवरी को शाम के समय हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में राम ज्योति प्रज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा। यह सब अभूतपूर्व है। भावुक करने वाला है। अब देखना यह है की भावुकता किस प्रकार की होगी और बुलावा आने पर कौन कौन भावुक होगा |