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नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के सब वेरिएंट ‘जेएन.1’ के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में इस वेरिएंट के छह और मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कर्नाटक में सोमवार को जेएन.1 वेरिएंट के 34 में से 20 मामले सामने आए थे। जेएन.1 वेरिएंट के मामले कर्नाटक के अलावा केरल, झारखंड और महाराष्ट्र में सामने आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है नए मामलों में से अधिकतर मरीज फिलहाल घर पर आइसोलेशन में हैं। हालांकि, राहत की बात है कि अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। भारत में वैज्ञानिक समुदाय कोरोना वायरस के नए उप-स्वरूप की बारीकी से पड़ताल कर रहा है।केंद्र की तरफ से राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की बात कही गई थी। अधिकारियों ने कहा था कि भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है और देश में ‘जेएन.1’ उप-स्वरूप का पता चला है, लेकिन तत्काल चिंता का कोई कारण नहीं है क्योंकि संक्रमित लोगों में से 92 प्रतिशत लोग घर में रहकर ही उपचार का विकल्प चुन रहे हैं, जिससे पता चलता है कि नए उप-स्वरूप के लक्षण हल्के हैं। उन्होंने कहा था कि अस्पताल में भर्ती होने की दर में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों में कोविड-19 पाया जाना आकस्मिक मामला है।राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने पिछले सप्ताह कहा था कि आगामी त्योहारी सत्र को देखते हुए महत्वपूर्ण कोविड-19 नियंत्रण और प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने बीमारी के प्रसार के जोखिम को कम करने के लिए अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने की सलाह दी थी। राज्यों से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा की गई संशोधित कोविड निगरानी रणनीति के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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