सोमवार को राजधानी जयपुर के गंगापोल इलाके में स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं सड़कों पर उतरी और सुभाष चौक थाने का घेराव किया। थाने का घेराव करते हुए इन छात्राओं ने जबरदस्त नारेबाजी की। स्थानीय विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। छात्राओं ने कहा कि वार्षिक उत्सव के मौके पर हम लोगों की तरफ से स्थानीय विधायक बालमुकुंद आचार्य को बुलाया गया था और उन्होंने यहां पर आकर हमारे हिजाब को लेकर बातें की (talked about hijab)। धार्मिक नारे लगवाए (raised religious slogans), यह हमें कतई मंजूर नहीं है शिक्षा के मंदिर में हिंदू-मुसलमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम लोग बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इन छात्रों के साथ उनके परिजन भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं, समझाईश का दौर जारी रहा। लेकिन छात्राओं का कहना था कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी तब तक हम लोग यहां से जाने वाले नहीं है। वहीं इस मामले को लेकर हवामहल विधायक बालमुकुंदा आचार्य का कहना है कि राम मेरे भगवान हैं, मेरे आदर्श हैं, मैं हर काम की शुरुआत उनके नाम से करता हूं। इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने विद्यालय की प्रिंसिपल से पूछा था क्या यहां दो तरह की ड्रेसकोड है क्या? बकौल विधायक मुझे वहां दो तरह का माहौल नजर आया, हिजाब में और बिना हिजाब के।विधायक बालमुकुंद आचार्य का तर्क था कि कल को हमारे बच्चे भी लहंगा चुन्नी या अलग अलग कलरफुल ड्रेसकॉड में आयेंगे तो स्कूल में कैसे चलेगा। लेकिन कुछ लोगों को राजनीति करनी होती है वो बाज नहीं आते हैं, विधायक बोले सरकारी स्कूल का एक तय ड्रेसकॉड होता है। वैसे ही बच्चों को आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चियों को भारत माता की जय बोलने को कहा गया, क्या ये गलत है? क्या सरस्वती मां की जय बोलना गलत है? बच्चों को स्कूल के ड्रेसकॉड के हिसाब से आना चाहिए।