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नमस्कार दोस्तों स्वागत है माई भारत न्यूज़ में … धर्म से जुड़ी किवदंतियों और मान्यताओं से रुबरू कराते है …आज हम बात कर रहे है पंचमुखी हनुमान जी के बारे में …कहा जाता है कलयुग में धरती पर रामभक्त हनुमान अपने भक्तों के लिये मौजूद हैं …ऐसे में पंचमुखी हनुमान जी के अवतार के पीछे क्या मान्यता हैं इसकी जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं ..कहते हैं कलयुग में इस धरती पर एकमात्र देवता हनुमान जी की मौजूदगी है …जो बल बुद्धि विद्या के दाता हैं …भक्त अपने सारे कष्टों से हनुमान भक्ति के जरिये मुक्ति पा सकते हैं .. सनातन धर्म में ये मान्यता है कि जैसे नंदी के जरिये भोलनाथ तक अपनी बात पहुंचायी जा सकती है वैसे हीं … भगवान राम तक अपना निवेदन पहुंचाने का सबसे आसान जरिया हनुमान जी हैं … अब आप सोच रहे होगें की आखिर हनुमान को पंचमुख का अवतार क्यों लेना पड़ा तो …आपको बता दें कि पंचमुखी हनुमान रामभक्त हनुमान का रौद्र रुप है …कहते हैं अहिरावण का वध करने के लिये हीं हनुमंत ने अपना पांच मुखों वाला रुप धारण किया ..हमारे धार्मिक ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि एक बार अहिरावण ने राम लखन दोनों भाइयों को कैद कर लिया ..हनुमान अपने अराध्य भगवान राम और लखन को छुड़ाने के लिये अहिरावण का वध किया …लेकिन अहिरावण का वध इतना आसान नहीं था..मान्यता है कि अहिरावण अपनी रक्षा के लिये पांच दिशाओं में पांच दीपक जला रखे थे …उसे वरदान था कि जब तक एक साथ इन पांच दीपकों को बुझाया नहीं जायेगा ..अहिरावण का वध कोई नहीं कर सकता ….ऐसे में हनुमान ने अपना पांच मुखों वाला रौद्र रुप धारण कर पांचो दीपकों को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध किया … हनुमान जी के पंचमुखी रुप में पहला मुख वानर का…दूसरा मुख गरूड़ का …तीसरा मुध वराह…चौथा मुख अश्व और पांचवा मुख नृसिंह का है ….माना ये जाता है कि हनुमान के पांचों मुखों का महत्व अलग अलग है …वानर मुख सारे दुश्मनों पर विजय दिलाती है …वहीं दूसरा मुख यानि गरूढ़ भक्तो की सारे परेशानियों को दूर करता है …वराह मुख प्रसिद्धि ,शक्ति और लंबी उम्र का आशिर्वाद देने वाला बताया गया है ..अश्व मुख भक्तों को ताकत जीवन मे गतिशीलता देने वाला बताया जाता है … और नृसिंह मुख हनुमान भक्तो के शत्रुओं का संहारक माना जाता है …और संपूर्णता में भक्तों का सारे दुख हरण करने वाला रुप है पंचमुखी हनुमान …. पंचमुखी हनुमान को आप देखेंगें तो इनके हरेक स्वरुप में एक मुंह त्रिनेत्र और दो भुजायें होती हैं …इनके पांचों मुख पूर्व…पश्चिम…उत्तर ..दक्षिण और ऊर्ध्व दिशा में विराजते हैं … कहते हैं पंचमुखी हनुमान की तस्वीर घर मे लगाने से सारी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता हैं …घर में सुख समृद्धि वैभव का वास होता है …. पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर घर में स्थापित करने के लिये सबसे श्रेष्ठ दक्षिण मुख की दिशा होती है … तो ये था हनुमान के विशाल और विराट स्वरूप पंचमुखी हनुमान पर हमारा विशेष प्रोग्राम कैसा लगा रोचक और दिलचस्प जानकारी पाने के लिए देखते रहिये माई भारत न्यूज़

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