Fri. Nov 22nd, 2024

लखनऊ : सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के नाम पर जारी की गई राशि को ही शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं खर्च पाये इसके चलते बच्चों को सरकारी मुफ्त सुविधायें नहीं मिल सकी। इस बात की जानकारी जब समीक्षा में हुई तो बेसिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए 10 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें दो तत्कालीन बीएसए का नाम भी शामिल है। 

बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी मथुरा वीरेन्द्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी अंबेडकर नगर भोलेन्द्र प्रताप सिंह, तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्नाव व वर्तमान में बीएसए अमेठी संजय तिवारी, तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया बलिया मनिराम सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी बांदा प्रिंसी मौर्या, तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर कल्पना सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदौली, बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर देहात रिद्धि पांण्डेय, बेसिक शिक्षा रायबरेली शिवेन्द्र प्रताप सिंह को नोटिस जारी किया गया है। 

ये है मामला

बता दें कि जिन जनपदों के बीएसए को नोटिस जारी किया गया वहां समीक्षा पाया में गया कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के क्रम में गरीब बच्चों को मिलन वाली सुविधाओं के नाम पर जो बजट आवंटित किया गया उसका ये अधिकारी शत प्रतिशत उपभोग ही नहीं कर सके। ऐसे में बच्चों को सुविधायें नहीं मिल सकी। ये बजट शैक्षिक सत्र 2022-24 का है। ऐसे में अब इन अधिकारियों से जवाब मांगा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *