सियासत हो या धर्म दोनों ही आजकल गरमाये हुए हैं | कोइ किसी की पार्टी को बुरा भला कह देता है तो किसी को किसी का धर्म भाता नहीं है | अब ऐसे में एक धार्मिक मुद्दा सबके सामने आ रहा है | जिसमे सिया समुदाय के हज़रत अली पर बाबा बाघेश्वर ने एक आपत्ति जनक टिप्पड़ी कर दिया है | जिसके बाद सिया समुदाय और सुन्नी समुदाय बेहद नाराज़ हैं | बाबा बाघेश्वर अक्सर विवादित टिप्पड़ियां करेते रहते हैं | कभी हिन्दू धर्मको लेकर , कभी ईसाई धर्मको लेकर धर्म को लेकर तो कभी कर्म को लेकर | लेकिन इस बार हज़रत अली अली पर टिप्पड़ी करना बाबा को भारी पड़ गया | उन्हें इस टिप्पड़ी के लिए सिया समुदाय से माफ़ी मांगनी पड़ी | क्या थी वो टिप्पड़ी आप भी सुनिए और देखिये बाबा बाघेश्वर की माफ़ी वाली टिप्पड़ी को भी |
बाबा बाघेश्वर ने एक ऐसा ही विवादित बयां साईं बाबा को लेकर भी दिया था | मध्य प्रदेश के जबलपुर के पनागर में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान जब एक शख्स ने साईंबाबा की वैदिक तरीके से पूजा करने को लेकर सवाल पूछा गया तो धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब देते हुए कहा था की साईं बाबा भगवान नहीं है। गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता है। बागेश्वर बाबा ने कहा था, हमारे शंकराचार्य ने साईंबाबा को भगवान का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं, उनकी आज्ञा का पालन करना प्रत्येक सनातनी हिंदू का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हो या सूरदास जी हों, ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं। कई लोगों की साईंबाबा में आस्था होगी। मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। लेकिन साईंबाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं। उन्होंने आगे कहा कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया था जिसके कारण बाबा बाघेश्वर को माफ़ी मांगनी पड़ी |
आपको बता दें बाबा बाघेश्वर ने ईसाई धर्म पर भी टिप्पड़ी किया था | पठानकोट में 22 अक्टूबर को बाबा का दरबार लगा था | इस दौरान उन्होंने ईसाई धर्म को लेकर बयान दिया था | इस पर कई ईसाई समूहों ने आपत्ति जताई थी | बाबा बाघेश्वर ने कहा था कि विदेशी ताकतें मंदिरों और गुरुद्वारों में घुसना बंद करें। उन्होंने पंजाब में सक्रिय मिशनरियों को चेतावनी देते हुए कहा ता कि वो भोले भाले हिन्दुओं को बरगलाना बंद करें। भारत को बाबर नहीं बल्कि रघुवर का देश बताते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने सरकार से अपील की है कि वो धर्मान्तरण के खिलाफ बने कानून को और सख्त करें। एक वायरल वीडियो में उन्होंने कहा था कि वो पंजाब में ‘हलीउल्लाह’ वालों को नहीं रहने देना चाहते हैं। ईसाई मिशनरियों द्वारा कराए जा रहे धर्मपरिवर्तन को पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने सनातन को मिटाने की साजिश करार दिया। जिसपर जमकर बवाल हुआ था | अब देखना यह होगा कि बाबा कब तक ऐसे ही टिप्पड़ियों का पिटारा खोलते रहेंगे और कब तक ये सब बंद होगा