मुख्तार को जेल में जहर देने का मामला ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मुख्तार की विसरा जाँच रिपोर्ट आ गई है। जो न्यायिक जांच टीम को भेज दी गई है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि 28 मार्च की देर रात जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने उन्हें जेल में जहर देने का आरोप लगाया था। इस पर प्रशासनिक और न्यायिक जांच टीमें गठित की गईं थीं। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन फिर भी विसरा जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। विसरा रिपोर्ट के बाद लगभग यह बात साफ हो गई है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। पुलिस के सूत्रों का कहना है कि विसरा रिपोर्ट लखनऊ से आ गई है और उसे न्यायिक जांच टीम को दे दी गई है। हालांकि जांच टीम का कोई अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। करीब 10 दिन पूर्व न्यायिक जांच टीम ने मंडल कारागार के बाद मामले में मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण किया था। टीम ने कॉलेज प्रबंधन से माफिया के इलाज की बीएचटी रिपोर्ट भी तलब की थी, लेकिन इलाज करने वाले 10 से 12 डॉक्टरों से पूछताछ होना अभी बाकी है। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि न्यायिक टीम जब चाहे इलाज करने वाले डॉक्टरों के बयान ले सकती है माफिया मुख्तार के रहने पर बैरक के अलावा परिसर की सुरक्षा भी कड़ी की गई थी। जांच टीम ने जेल कर्मियों व अधिकारियों से भी पूछताछ की थी। इसके बाद बैरक में लगे जवानों को हटा लिया गया। जेल अधिकारियों के मुताबिक चुनाव के चलते भी फोर्स हटाया गया है।प्रशासन की जांच टीम ने मुख्तार की मौत के मामले में सार्वजनिक नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी अथवा बयान दे सकता है। लेकिन अभी तक कोई नहीं पहुंचा।मुख्तार की मौत के बाद से ही उसके परिजनों में से कोई भी बांदा नहीं आया है। जेल प्रशासन के मुताबिक सारा सामान सुरक्षित रखा है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।