Fri. Nov 22nd, 2024
कांग्रेस को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, 105 करोड़ की टैक्स वसूली के नोटिस मामले में राहत नहींकांग्रेस को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, 105 करोड़ की टैक्स वसूली के नोटिस मामले में राहत नहीं

कांग्रेस को 105 करोड़ के टैक्स वसूली के नोटिस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने नोटिस पर रोक लगाने की याचिक पर खारिज कर दी है. कांग्रेस ने इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल यानी I TAT के उस आर्डर को चुनौती दी थी. कांग्रेस को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस को 105 करोड़ के टैक्स वसूली के नोटिस मामले में राहत नहीं मिली है. दरअसल, कांग्रेस ने कुछ टैक्स रिटर्न में विसंगतियों के लिए जुर्माना लगाने के खिलाफ आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा अपनी याचिका खारिज करने को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.अब रोक लगाने से इनकार कर दिया.जस्टिस जशवंत वर्मा और जस्टिस कौरव की बेंच ने कांग्रेस की ओर से पेश वकील विवेक तन्खा की दलीलें सुनने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता के दफ्तर में लोग सो रहे थे.आपको बता दें कि कांग्रेस ने इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल यानी ITAT के उस आर्डर को चुनौती दी है, जिसमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के टैक्स बकाये की वसूली के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगाने से मना कर दिया गया था.आईटीएटी ने नोटिस पर रोक लगाने से किया इनकार 8 मार्च को, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने वसूली नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि कार्यवाही अनुचित जल्दबाजी में शुरू नहीं की गई थी और नोटिस बिना योग्यता के नहीं था. ट्रिब्यूनल ने कहा कि आईटी अधिकारियों ने आयकर अधिनियम के तहत दावा की गई छूट को अस्वीकार करने में कोई गलती नहीं की है. ट्रिब्यूनल ने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे को शीघ्र निपटाने में अपनी उत्सुकता नहीं दिखाई है. कांग्रेस ने 8 मार्च के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया. इसने तर्क दिया कि अधिकारियों ने बकाया मांग की वसूली करके और आम चुनावों से पहले पार्टी के लिए अनुचित कठिनाई पैदा करके जबरदस्त कदम उठाए. कांग्रेस ने कोर्ट के समक्ष रखा यह तर्क कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि आईटी विभाग ने पार्टी के लिए चुनाव लड़ना मुश्किल बना दिया है. उन्होंने तर्क दिया कि आईटीएटी के समक्ष पार्टी की याचिका लंबित रहने के दौरान विभाग ने बकाया राशि का 48% वसूल लिया. आईटी विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि पार्टी के पास प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं है. उन्होंने कहा कि गलत धारणा पैदा करने की कोशिश की गई कि कार्यवाही चुनाव से ठीक पहले शुरू हुई. उन्होंने कहा, “हमने दिखाया है कि यह 2021 से चल रहा है.” हुसैन ने कहा कि पार्टी ने जुलाई 2021 के आदेश को चुनौती देते हुए अगस्त 2021 में आयकर आयुक्त (अपील) से संपर्क किया. उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2021 में मूल्यांकन अधिकारी ने विवादित मांग का 20% जमा करने की शर्त पर वसूली को स्थगित रखने की पेशकश की. हुसैन ने प्रस्तुत किया कि ब्याज के साथ पार्टी के खिलाफ कुल मांग ₹135 करोड़ थी, जिसमें से ₹65.9 करोड़ की वसूली की गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *