सत्ता कब पलट जाए यह कह पाना आसान नहीं हैं | लेकिन इंडिया गठबंधन से जिस प्रकार पार्टियां दूर हो रही हैं उससे यह अंदाजा लगया जा सकता है कि गठबंधन की डोर बड़ी कमजोर है | आपको बता दे कि इंडिया गठबंधन को उस समय करारा झटका लगा जब गठबंधन के मजबूत दल तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की सभी सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया और कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया | अब ऐसा ही एक बड़ा झटका कांग्रेस को झारखंड से भी लगा है | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने झारखंड में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से अलग होने का रविवार को ऐलान करते हुए कहा कि वह राज्य की 14 लोकसभा सीट में से आठ सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी |
फिलहाल लोकसभा में CPI का झारखंड से कोई भी सांसद नहीं है | गठबंधन की बात पर CPI के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक ने कहा, ‘‘हमने अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है |’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन कांग्रेस और ‘महागठबंधन’ ने अभी तक सीट बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं की है | इसलिए हमने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है |’’
पाठक ने कहा कि यह निर्णय यहां पार्टी की प्रदेश कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया. CPI रांची, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू, गिरिडीह, दुमका और जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी | महेंद्र पाठक ने कहा कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 16 मार्च के बाद की जाएगी | इस बीच, झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा कि CPI की प्रदेश इकाई का यह निर्णय पार्टी के भीतर अनुशासन पर सवाल खड़े करता है | आपको बता दे कि राज्य की 14 लोकसभा सीट में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 11, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के पास एक, झामुमो के पास एक और कांग्रेस के पास एक सीट है | अब देखना यह है कि इंडिया गठबंधन से अब और कितने दलों के नेता अपना नाता तोड़ेंगे |