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हम 21वी सदी में जी रहे है जहां इंसान चाँद पर पहुँच गया है जो की विज्ञान ने बहौत तरक्की भी कर ली है । लेकिन यहाँ कुछ आज भी ऐसा है जो कई अनसुलझे सवालों के जवाब विज्ञान के विश्व गुरु भी नही ढूंढ पाए हैं । आपने समय समय पर खूब मेले देखे होंगे लेक़िन ऐसा मेला नहीं देखा होगा जहां भूतों का मेला लगता है जी हां आज हम आपको एक ऐसे ही मेले के बारे में बताने जा रहे है जिसमे आप बिलकुल भी यकीन नहीं करेंगे पर आपको यकीन करना पड़ेगा क्यों की यहाँ लगता है भूतों का मेला । यहाँ होने वाले चमत्कारों के आगे इस सदी का विज्ञान भी हो जाता फेल।भूतों का मेला लग चुका है. प्रसिद्ध दरबार श्री गुरु साहब बाबा संत देव जी समाधि स्थल पर पौष पूर्णिमा पर निशान चढ़ाकर विधिवत पूजन अर्चन कर मेले का किया गया शुभारंभा। मेले के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे । मेले में मध्यप्रदेश के कई जिलों के साथ ही राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ पहुंच रहे हैं. पिछले 400 सालों से अधिक समय से चिचोली तहसील मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर मलाजपुर गांव में लगता है मेला आपको बता दें कि पिछले 400 साल से अधिक समय से चिचोली तहसील मुख्यालय से सात किलोमीटर की दूरी पर ग्राम मलाजपुर में हर साल पूरी श्रद्धा और धार्मिक परंपरा और आध्यात्मिक भाव के चलते पौष पूर्णिमा पर गुरु साहब बाबा के समाधि स्थल पर श्रद्धालु माथा टेक कर अपनी मन्नत मांगते हैं। गुरु साहब बाबा का दरबार पवित्र धार्मिक स्थल है, जो कि ग्राम मलाजपुर में स्थित है। यहाँ विगत 400 से अधिक साल से पौष पूर्णिमा पर यह मेला लगता है।

दुनिया भर में प्रसिद्ध मेला… गुरुसाहब दरबार में भूतों का मेला लगता है, जो कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां भगत झाड़ू से मार-मारकर लोगों को प्रेत बाधा से मुक्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि बाबा की समाधि पर आते ही प्रेत बाधा से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए यहां दूर-दूर से और देश के कोने कई राज्यों से लोग यहां पहुंचते और अपनी मन्नत पूरी होने पर तुला दान करते हैं. यह मेला लगभग एक माह तक चलता है और बसंत पंचमी पर इसका समापन होता है. हालांकि MY BHARAT न्यूज़ इस तरह के किसी भी दावे कि पुष्टि नहीं करता है

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