दिल्ली! पिछले चुनाव में एक आंदोलन हुआ था और एक बार फिर से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आंदोलन शुरू हो चूका है | अन्नदाता इस सार्ड मौसम में एक बार फिर सड़कों पर उतर आया है | जब पिछली बार आंदोलन हुआ था तो जैसे तैसे सरकार ने किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को समझा बुझाकर इस आंदोलन को शांत करवा दिया था | लेकिन यह आंदोलन फिर से शुरू हो चूका है | किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को किसानों के सब्र का बांध टूट गया और संसद को कूच करने के लिए एकत्र हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में नोएडा से दिल्ली की ओर कूच किया जाएगा। साथ ही किसानों ने संसद भवन को घेरने की धमकी दी है। इस आंदोलन के चलते नोएडा और गाजियाबाद में तीन किलोमीटर का लंबा जाम लग चुका है जिसके कारण आवा-गमन स्थगित है और राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ रही है |
पुलिस लगातार स्थिति को काबू करने की कोशिश कर रही है लेकिन भीड़ बढ़ती जा रही है और किसान आंदोलन को देखते हुए कई मार्गों पर यातायात प्रतिबन्घ रहेगा | दरअसल, किसान संगठन अपनी मांगो को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली के लिए रवाना होंगे और जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे | आज किसानो के द्वारा दिल्ली संसद को घेरने का एलान किया गया था जिसके कारण ये भीड़ देखी जा रही है | आपको बता दे भारतीय किसान नौजवान यूनियन ने पानीपत के जिले खरखौदा में ट्रेक्टर मार्च निकाला और उन्होंने कहा की अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह दिल्ली की तरफ कुंज कर देंगे | किसानो ने कहा की पूर्व में हुए आंदोलन के दौरान सरकार ने हमारी मांगो को पूरा करने का वादा किया था जो अभी तक पूरी नहीं किया गया | इन्ही मांगो को पूरा करवाने के लिए किसान संगठन दिल्ली की और कुंज कर रहे | अब देखना यह होगा की क्या इस बार राकेश टिकैत किसानो के मसीहा बन कर सरकार से लोहा लेंगे या पिछली बार की तरह पिघल जाएंगे