अगर आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आपको आजके समय में अपडेट रहने की जरुरत है क्योंकि दुनिया भर में अभी जॉब मार्केट पर ग्लोबल स्लोडाउन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का असर हो रहा है | अगर आप बीते समय पर नजर डालें तो यह बात आपको साफ़-साफ़ पता चल जायेगी और इस साल की शुरुआत से लगातार हो रही छंटनियों में इसे साफ देखा जा सकता है | इस सब बदलावों को देखते हुए वित्त मंत्री ने सबको एक सलाह दिया है जो आपके बड़े काम आने वाली है | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट 2024 पेश करने के बाद एक टीवी चैनल को शुक्रवार को इंटरव्यू दे रही थीं | बातचीत के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि अभी दुनिया भर में चल रही आर्थिक नरमी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी नई तकनीकों के कारण जॉब मार्केट पर गहरा असर हो रहा है | इससे पहले से नौकरी कर रहे लोग और अभी नौकरी खोज रहे लोग, दोनों प्रभावित हो रहे हैं | स्किल्ड जॉब और हायरिंग दोनों के ऊपर बराबर असर हो रहा है | इस तरह के बदलावों को देखते हुए उन्होंने कहा कि, ‘तेजी से बदल रही परिस्थितियों के मद्देनजर पहले से जॉब कर रहे लोगों को नई चीजें सीखने की जरूरत है | उनके पास पहले से कौशल (स्किल) हैं, लेकिन वे पुराने हो रहे हैं | अब उन्हें नए स्किल की जरूरत है, क्योंकि अब ऐसी परिस्थितियां और जरूरतें सामने आ रही हैं, जिनका अभी तक अस्तित्व नहीं था | इसी तरह नए रिक्रूट्स के लिए भी जॉब की रिक्वायरमेंट बदल रही हैं |’
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, ‘सरकार इन बदलावों के बीच लोगों की मदद करने का प्रयास कर रही है | केंद्र सरकार लगातार नई मुहिम शुरू कर रही हैं और नए कार्यक्रम ला रही हैं, ताकि लोगों को अपना कौशल बेहतर बनाने और नए स्किल सीखने में मदद मिल सके | नई चीजें सीखने से लोग बदलती परिस्थितियों में नौकरी पाने के लिए पहले से ज्यादा तैयार हो जाएंगे और नौकरी के नए अवसरों का लाभ उठा पाएंगे |’ बजट पेश करते हुए उन्होंने बताया कि, ‘सरकार ने स्किल इंडिया मिशन के जरिए अब तक 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया है | इसके अलावा 54 लाख युवाओं के कौशल को बेहतर बनाया गया है और उन्हें नए कौशल सिखाए गए हैं | सरकार ने इसके लिए 3000 आईटीआई, 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 15 एआईआईआईएम और 390 विश्वविद्यालयों की स्थापना की है |’ अब AI का असर दिखने लगा है जिसमे नौकरी कर रहे और नौकरी की चाह रखने वाले, दोनों के लिए स्वयं को इंटेलीजेंट बनाना बेहद जरूरी है क्योंकि AI धीरे-धीरे उनकी जगह ले रहा है |