ज्ञानवापी में व्यास तहखाने को बुधवार दोपहर 3 बजे वाराणसी कोर्ट ने आदेश दिया और इसके कुछ ही घंटों बाद रात 12 बजे से 12:30 के बीच में तहखाने को खोलकर पूजा-पाठ किया गया. पूजा से पहले रात में करीब 12 बजे पूरे व्यास तहखाना की शुद्धि हुई. विधि से पूजन हुआ 1 फरवरी हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी सियासी तारीख में से एक है. आज से 38 साल पहले राम मंदिर का ताला खोला गया था. इसके बाद देश की राजनीति हमेशा-हमेशा के लिए बदल गई. ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष 31 जनवरी 2024 को ऐसी ही तारीख मानता है. जो देशभर में तोड़े गए हिंदू मंदिरों को लेकर ऐतिहासिक साबित होगी. वाराणसी में कल दोपहर ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार मिला और 8 घंटे के अंदर पूजा हो गई, पूरे 30 साल बाद तहखाने में आरती हुई. इसकी तस्वीरें और वीडियो भी सामने आईं तो श्रद्धालुओं में उत्साह देखा गया. हर ओर हर-हर महादेव के जयकारे गूंज उठे. ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा की इस तस्वीर को शिवभक्त बड़ी जीत बता रहे हैं. जिसमें इतने सालों बाद दीप जला. ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में आरती होते ही आधी रात को काशी में बम बम भोले के जयकारे लगने लगे.
देवता महागणपति का आह्वान किया गया फिर सभी विग्रह को चंदन, पुष्प, अक्षत धूप दीप चढ़ाया गया और आरती की गई. व्यास तहखाने में 2-3 शिवलिंग, हनुमान, गणेश जी की प्रतिमा साथ ही एक देवी मूर्ति को भी पूजा गया और ये पूजन लगभग आधे घंटे तक चला.व्यास तहखाने में पूजा के बाद श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है. अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद वो इसे एक और मील के पत्थर के तौर पर देख रहे हैं. ऐसे ही एक श्रद्धालु ने पूजा को लेकर कहा कि, आज बहुत अद्भुत दिन है. इस तरह मौके पर दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु ने कहा कि कितने सालों के लिए वेट कर रहे थे. सबकी इच्छा है दर्शन की. बहुत भावुक क्षण हैं, हमें अपने देव की पूजा का अधिकार मिल रहा है. जल्द आम लोगों को भी पूजा का हक मिले. 30 साल के बाद यहां पूजा हुई, आधी रात को ही भक्त यहां पूजा करने के लिए पहुंच गए.