रांची। जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी ने बुधवार की शाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया।दोपहर एक बजे से पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। अब उन्हें गुरुवार को ईडी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। ईडी कोर्ट से रिमांड पर लेने के लिए आग्रह करेगी व अनुमति मिलने पर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।जमीन घोटाला प्रकरण में ईडी के दस समन, मुख्यमंत्री के माध्यम से लगातार समन की अवहेलना, ईडी की पूछताछ में संतोषजनक जवाब का नहीं मिलना उनकी गिरफ्तारी का कारण बना। मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित आवास में छापेमारी के दौरान बरामद 36 लाख रुपये व बीएमडब्ल्यू कार के स्रोत पर पूछे गए सवाल का भी मुख्यमंत्री ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद ही ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया।
बता दें कि जमीन घोटाला प्रकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 15वें आरोपित हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनसे पहले 14 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सीएम के टाल-मटोल पर ईडी ने लिखा था कड़ा पत्र जमीन घोटला प्रकरण में ईडी ने मुख्यमंत्री से 20 जनवरी से पूछताछ की थी और उनसे कहा था कि अभी पूछताछ पूरी नहीं हुई है, एक दिन और पूछताछ की जाएगी। इसके बाद ईडी ने उन्हें 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए तिथि व जगह बताने को कहा था। इसपर मुख्यमंत्री ने ईडी को जवाब भिजवाया कि वे फिलहाल व्यस्त हैं, जल्द ही वे पूछताछ के लिए तिथि व जगह बताएंगे।इस पर ईडी ने मुख्यमंत्री को कड़ा पत्र लिखा और कहा कि वे 29 या 31 को पूछताछ के लिए समय दें, नहीं तो ईडी अपने अनुसार पूछताछ का निर्णय लेगी। इसी बीच मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए। जब 28 जनवरी तक ईडी को मुख्यमंत्री का कोई जवाब नहीं मिला और ईडी को सूचना मिली कि मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं, तो इसी सूचना पर ईडी ने 29 जनवरी को मुख्यमंत्री दिल्ली स्थित आवास व झारखंड भवन में छापेमारी कर दी। मुख्यमंत्री तो नहीं मिले, लेकिन उनके आवास से 36 लाख रुपये, बीएमडब्ल्यू कार व जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज मिले। ईडी ने उसकी विधिवत जब्ती की।
29 जनवरी को दिल्ली में छापेमारी हो रही थी, मुख्यमंत्री वहां से गायब थे, इसी बीच सीएमओ से ईडी के रांची स्थित कार्यालय को पत्र भिजवाया गया कि मुख्यमंत्री 31 जनवरी की दोपहर एक बजे पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री आवास में मौजूद रहेंगे।इस पूछताछ के दौरान ईडी ने उनसे उनकी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी मांगा था। सीएम ने अपनी संपत्ति का ब्योरा भी सौंपा था। अब जमीन घोटाला केस में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भूमिका की जांच चल रही है। सेना के उपयोग वाली 4.55 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने छापेमारी के दौरान बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के यहां भी छापा मारा था। तब भानु प्रताप प्रसाद के ठिकाने से भारी मात्रा में सरकारी दस्तावेज बरामद हुए थे। उस वक्त कुछ ऐसी जमीन से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे, जिसमें फर्जीवाड़ा हुआ है। उक्त जमीन के संबंध में ही ईडी मुख्यमंत्री की भूमिका की जांच कर रही है।