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सियासत का गलियारा हो चाहें धर्म का बाजार, इन मुद्दों पर आजकल सभी दिल खोल के बोल रहे हैं | कोइ धर्म को पाखण्ड बता रहा है तो कोइ राजनीति को नीचा दिखा रहा है | कभी स्वामी प्रसाद मौर्या के विवादित टिप्पड़ी आते हैं तो कभी ममता बनर्जी के विवादित बयान | अब ऐसे में कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी का भी एक बयान सामने आया है | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर फिर जुबानी हमला बोला है | उन्होंने असम के बारापेटा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच दावा किया कि सीएम सरमा देश के सबसे भ्रष्ठ मुख्यमंत्री हैं और उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कंट्रोल करते हैं | उन्हीं के पास सीएम का कंट्रोल है | अगर असम सीएम कुछ भी गृह मंत्री के खिलाफ बोलेंगे तब उन्हें पार्टी से निकाल फेंका जाएगा | उन्होंने आगे कहा कि, ‘बीजेपी वालों को जितने केस लगाने हैं, वे लगा लें | उन पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है | वह केस से नहीं डरते हैं | वह न तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से डरते हैं और न ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से खौफ खाते हैं |’

आगे राहुल गांधी ने आरोप लगाया गया कि बीजेपी-आरएसएस के लोग एक धर्म, जाति, भाषा और प्रदेशों को दूसरे से लड़ाते हैं | वे नफरत फैलाते हैं मगर हम मोहब्बत फैलाते हैं | बीजेपी के लोग नफरत से भरे हैं जिनमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह और असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा हैं | यह आरोप और प्रत्यारोप का दौर कब तक थमेगा यह कह पाना अभी मुश्किल है | ऐसे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन ने राहुल गांधी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर के अमित शाह को एक पत्र लिखा था | उन्होंने दो पन्ने के लेटर में दावा किया कि कई मौकों पर असम पुलिस सुनियोजित ढंग से खड़ी रही या फिर उसने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सुरक्षा घेरे में सेंध लगाते हुए राहुल गांधी के पास पहुंचने दिया | वहीँ असम सीएम ने भी बैरिकेड्स तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने के आरोप में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दे दिया था | दरअसल, यात्रा में हिस्सा लेने वाले कांग्रेसियों को गुवाहाटी के मुख्य मार्गों में एंट्री से रोकने के लिए राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगाए गए थे | कांग्रेस समर्थकों ने जब अवरोधक हटाए तो पुलिस वालों के साथ उनकी झड़प हो गई थी | प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया को चोटें भी आई थीं | अब किसका पलड़ा भारी होगा और कौन आरोपों से बरी होगा यह देखना अभी बाकी है |

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