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इंडिया गठबंधन से अब अलग होंगे अखिलेश यादव?इंडिया गठबंधन से अब अलग होंगे अखिलेश यादव? स्वामी प्रसाद मौर्य ने कह दी ये बड़ी बात

इस कलयुग में भी आजकल नेता अच्छा काम करते हुए नजर आ रहे हैं। बड़ी- बड़ी बाते करते हुए दिख रहे हैं। अब ऐसे में ही दो दिग्गज नेताओं ने इंडिया गठबंधन को लेकरके अपनी राय रखी है और ये राय किसी और के लिए नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए है। जिस प्रकार से इंडिया गठबंधन को लेकरके उथल- पुथल की खबरें आ रही हैं उससे तो यही लगता है की ये सिर्फ नाम का गठबंधन है काम का नहीं। लोकसभा चुनाव को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन शुरू हो गया है । इस बीच समाजवादी पार्टी के सहयोगी महान दल ने अखिलेश यादव को इंडिया गठबंधन से अलग होने की सलाह दे दी है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा-बसपा को लड़ाकर खत्म करना चाहती है, इसलिए सपा अध्यक्ष को एक बार फिर से छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए ।

सलाह मशवरा का सिलसिला खत्म ही हुआ था कि यूपी में समाजवादी पार्टी की सहयोगी महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इंडिया गठबंधन से अलग होने की सलाह दे दी । केशव देव मौर्य ने कहा, ‘अखिलेश यादव जी को गठबंधन से तत्काल अलग हो जाना चाहिए, उ.प्र. में कांग्रेस का कुछ नहीं है इसीलिए कांग्रेस, सपा-बसपा को आपस में लड़ाकर समाप्त करना चाहती है और विपक्ष का स्थान हासिल करना चाहती है! अखिलेश यादव जी ने विधानसभा चुनाव-2022 मे छोटे दलों के साथ गठबंधन कर 125 सीट जीता है, मैनपुरी और घोसी उपचुनाव जीता है जबकि उस समय अखिलेश जी पूरी तरह ओवर कॉन्फिडेंट थे और अब पूरी तरह सतर्क और चौकन्ना हैं ।’ मौर्य जी यही नहीं रुके बल्कि आगे कहा की, ‘लोकसभा चुनाव-2024 मे यदि अखिलेश जी पुनः छोटे दलों को साथ लेकर चाक-चौबंद रणनीति बनाकर लड़ते हैं तो समाजवादी पार्टी को 40-50 लोकसभा सीट जीतने से कोई नहीं रोक पाएगा. जो कांग्रेस, क्षेत्रीय दलों को समाप्त करना चाहती है वो चुनाव तक इंडिया गठबंधन में किचकिच बनाकर रखेगी, सबको उलझाकर रखेगी, जिससे भाजपा को अधिक से अधिक सीट जीतने का मौका मिल सके, क्षेत्रीय दलों की ताकत घटे, विपक्ष की भूमिका से समाजवादी पार्टी हटे और कांग्रेस उसकी जगह ले सके।’

अब किस पार्टी में कितना दम है ये तो जनता तय करेगी और इंडिया गठबंधन का क्या होगा इसके बारे में कहना बड़ा मुश्किल लग रहा है क्योंकी जिस प्रकार से आपसी मतभेद दिख रहे हैं वो सकारात्मक नहीं है और विवाद होने की संभावना भी दिख रही है। अब ऐसे में बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है । फूट डालो और राज करो वाली रणनीति यहां पर देखने को मिल रही है लेकिन फूट कोई विपक्षी पार्टी नही बल्कि इंडिया गठबंधन के वरिष्ठ नेता ही डाल रहे हैं। अब 2024 का लोकसभा चुनाव तय करेगा की कौन राज करेगा और कौन फूट डालेगा।

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