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सतना चित्रकूट मार्ग स्थित बगदरा घाटी में काऊ सफारी का विकास किया जाएगा।घाटी में काऊ सफारी विकसित किए जाने हेतु प्रदेश के उप मुख्यमंत्री द्वारा गुरुवार को घाटी स्थित एसएएफ कैंप पहुंचकर वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सफारी विकसित किए जाने की रुप रेखा पर विचार कर तैयारियां करने के निर्देश दिए गए।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा गुरुवार को सतना चित्रकूट मार्ग स्थित बगदरा घाटी पहुंचकर घाटी में काऊ सफारी विकसित किए जाने बावत वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और ग्रामीणों के साथ बैठक की गई।गौर तलब है कि घाटी स्थित एसएएफ कैंप के पास वर्तमान समय में हजारों की संख्या में गौ वंशों का विचरण रहता है।ये ऐसे गौ वंश होते हैं जिन्हें आसपास के ग्रामीणों द्वारा जंगल में लाकर छोड़ दिया जाता है। बीते लगभग पंद्रह दिन पूर्व उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के चित्रकूट आगमन के समय स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उप मुख्यमंत्री को घाटी में रोककर हजारों गौ वंशों को दिखाते हुए जंगल में काऊ सफारी विकसित किए जाने की मांग की गई थी।उसी के चलते गुरुवार को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा बगदरा एसएएफ कैंप पहुंचकर वन विभाग के अधिकारियों के साथ काऊ सफारी विकसित किए जाने पर चर्चा करते हुए सफारी विकसित किए जाने के निर्देश दिए गए।इस मौके पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा जानकारी देते हुए कहा गया कि घाटी में गौ वंशों के रहने लायक प्राकृतिक वातावरण मौजूद है।स्थानीय निवासियों के द्वारा यहां पर सफारी विकसित किए जाने की मांग की गई है।वही हम लोगों के द्वारा पूर्व में रीवा जिला स्थित बसामन मामा नामक स्थान पर सफारी का विकास किया गया है,जहां पर वर्तमान समय में लगभग दस हजार गौ वंश मौजूद है।बसामान मामा नामक स्थान की तर्ज पर बगदरा घाटी में काऊ सफारी विकसित की जाएगी।इसके लिए वन विभाग द्वारा 56 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।इसकी तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।पंद्रह दिन बाद मेरे यहां आकर विधिवत काऊ सफारी का शुभारंभ किया जाएगा।

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