भारत एक ऐसा देश है जहां दरियादिली और भक्ति की मिसाल अक्सर देखने को मिलती है | अब ऐसे में ही भगवान् शिव की नगरी काशी से राम मंदिर निर्माण के लिए एक बड़ा दान आया है | यह दान उन्होंने दिया है जिन्हे हम सब दान देते हैं | काशी से यह दान वहाँ के भिखारियों के माध्यम से आया है जो की एक बहुत बड़ी आस्था का प्रतीक बन गया है | लगभग 300 भिखारियों ने आयोध्या में हो रहे राम लला मंदिर निर्माण के लिए 4 लाख का एक बड़ा दान दिया है | इस दान से लोगों में ख़ुशी के साथ-साथ आश्चर्य का माहौल भी बना हुआ है | ‘भगवान शिव’ राम के इष्ट एवं ‘राम’ शिव के इष्ट हैं। ऐसा संयोग इतिहास में नहीं मिलता कि उपास्य और उपासक में परस्पर इष्ट भाव हो इसी स्थिति को संतजन ‘परस्पर देवोभव’ का नाम देते हैं।
इस दान ने काशी और आयोध्या के एक बार फिर से जोड़ा है | अब आरएसएस कार्यकर्ता इन भिखारी से संपर्क कर इन्हें प्रभु श्री राम के महा उत्सव को मनाने का निमंत्रण दे रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि के लिए अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस ने समर्पण निधि अभियान की शुरुआत की थी। नवंबर 2020 में काशी में भिक्षाटन करने वाले कुछ लोग आरएसएस कार्यालय पर पहुंचे और अपने कुंडू को अभियान का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
इसके बाद भिखारी के समूह के आग्रह पर आरएसएस के पदाधिकारी के अभियान तक पहुंचे और वहां से राम मंदिर निर्माण के लिए दान के रूप में मिली धनराशि को एकत्र किया। आरएसएस संगठन के इतिहास से प्रयागराज सहित काशी प्रांत के 27 जिलों के भिखारी ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिल खोलकर दान दिया। इस दान ने बहुत से लोगों को प्रेरित किया है और आस्था में विश्वास को जगाया है | सबकी निगाहें अब 22 जनवरी को होने वाले महाउत्सव राम मंदिर निर्माण पर टिकी हुई हैं | अब देखना ये है की कौन-कौन अपनी आस्था से आता है और किसे बुलाया जाता है |