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माता हारी दुनिया की एक प्रसिद्ध जासूस थी। अपनी जासूसी का पूरी दुनिया में लोहा मनवाया था। हिटलर की जासूस के तौर पर काम करने वाली माता हारी ने पूरे यूरोप को नचाने का काम किया था। माता हारी को हिटलर की जासूसी करने के आरोप में मार दिया गया था। वह जासूसी के साथ ही एक खूबसूरत डांसर भी थी। नीदरलैंड में साल 1876 में गेरत्रुद मार्गरेट जेले का जन्म हुआ था जो माता हारी के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर थी। उसका असली काम जासूसी करना था। माता हारी के कई देशों के सैन्य अधिकारियों, मंत्रियों और राजशाही लोगों से नजदीकी रिश्ते थे। अपनी अदाओं के लिए मशहूर माता हारी साल 1905 में फ्रांस की राजधानी पेरिस गई थी। उसने अपने खास अंदाज की वजह से जल्दी ही लोकप्रिय हो गई थी। माता हारी के डांस ने लोगों को दीवाना बना रखा था और वह यूरोप में नृत्य करने के लिए जानी जाने लगी। माता हारी का डांस देखने आते थे सैन्य अधिकारी पहला विश्व युद्ध शुरू होने तक वह एक डांसर और स्ट्रिपर के तौर पर मशहूर हो गई थी। माता हारी का डांस देखने के लिए कई देशों से राजशाही लोग और बड़े सैन्य अधिकारी आते थे। इसी मेलजोल का फायदा उठाया और गोपनीय जानकारियां एक से लेकर दूसरे पक्ष को देने लगी। बताया जाता है कि हिटलर और फ्रांस के लिए माता हारी जासूसी करती थी। मार दी गई थी गोली माता हारी की हो गई मौत सत्तर के दशक में जर्मनी के गोपनीय दस्तावेज सामने आए। इन दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि वह जर्मनी के लिए जासूसी करती थी। जासूसी करने आरोप में साल 1917 में माता हारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन उसने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कभी स्वीकार नहीं किया कि वह एक जासूस है। कोर्ट को उसने बताया था कि वह सिर्फ डांसर है। लेकिन उस पर जासूसी के आरोप सिद्ध हो गए थे। इसके बाद उनकी आंखों पर पट्टी बांध कर गोली मारने की सजा दी गई। जानकार बताते हैं कि माता हारी नहीं बना जा सकता है सिर्फ पैदा होना पड़ता है। माता हारी को खूबसूरत नहीं होने के कारण एक डांस ग्रुप में शामिल नहीं किया गया था जिसके बाद उन्हे एक सर्कस में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा। माता हारी का पति नीदरलैंड की शाही सेना में एक अधिकारी था, लेकिन उसने उसको छोड़ दिया था। वह शराबी था और माताहारी को पीटता था। उसने भारतीय काम कला के रहस्यपूर्ण गूढ़ार्थों को समझा जिसके बाद उसे माता हारी नाम मिला। उसके नए अवतार ने लोगों को दीवाना बना दिया था। वह लग्जरी लाइफ जीने की शौकीन थी। जर्मन अधिकारियों ने उसके इसी कमजोरी का फायदा उठाया।

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