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13 दिसम्बर 2001 को संसद पर हमले की डॉक्टर ने रची थी साजिस13 दिसम्बर 2001 को संसद पर हमले की डॉक्टर ने रची थी साजिस , लश्‍कर और जैश-ए-मोहम्‍मद आतंकियों ने किया था हमला

13 दिसम्बर 2001 में जो हुआ था उसने पूरे भारत को हिला कर रख दिया था | गुरुवार का दिन था और संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था | उस दिन महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान हंगामे के चलते सुबह तकरीबन 11:02 बजे लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। कुछ नेता जा चुके थे तो कुछ जाने वाले थे लेकिन उस वक्त के देश के गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन, कई मंत्री, सांसद और पत्रकार समेत 100 से ज्यादा वीआईपी संसद भवन के भीतर मौजूद थे। घड़ी में करीब 11:30 बज रहे थे। उपराष्ट्रपति कृष्णकांत के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। गेट नंबर 12 पर सफ़ेद गाड़ियों का ताता लग गया | उन गाड़ियों की भीड़ में से गृह मंत्रालय का फ़र्ज़ी स्टीकर लगाकर एक सफ़ेद अम्बेस्डर गेट नंबर 12 से अंदर की ओर दाखिल होती है | उसमे हैंड ग्रेनेड और AK- 47 से लैस पांच खूंखार आतंकी बैठे हुए थें | तभी सिक्योरिटी गार्ड्स को कुछ अजीब सा लगता है और वो उस सफ़ेद अम्बेस्डर के पीछे भागते हैं | हड़बड़ी में उनकी कार उपराष्ट्रपति कृष्णकांत की कार से जा टकराई | घबराकर उन आतंकियों ने अंधाधुन फायरिंग शुरू कर दी | अब तक जो शांत और खुशनुमा माहौल था वो अब ख़ौफ़ और मातम में बदलने वाला था | उस समय सिक्योरिटी गार्ड्स निहथ्हे थे | गोलियों और चीख की आवाज़ सुन कर सीआरपीएफ की बटालियन एक्टिव हो गई। उपराष्ट्रपति कृष्णकांत के सिक्योरिटी गार्ड्स और सुरक्षाकर्मियों ने पलटवार किया। आनन-फानन सभी कंपाउंड के गेट बंद कर दिए गए। संसद में मौजूद सभी मंत्री, सांसद और अधिकारियों को भीतर ही सुरक्षित रहने के लिए कहा गया।

इस डर के माहौल का फायदा उठाकर इधर एक आतंकी ने गेट नंबर-1 से संसद में घुसने की कोशिश करने लगा तभी सुरक्षा कर्मियों की उसपर नज़र पड़ी और जवाब में उसे वहीं मार गिराया। आत्मघाती हमले के इरादे से गेट नंबर-1 पर चढ़ता हुआ आतंकी गोली लगने से गिर जाता है और उसके शरीर से लिपटा हुआ बम फट जाता है । उस मंज़र को देख कर सभी दहल जाते हैं और जान बचाने की कोशिश करते हैं | संसद भवन अब जंग का मैदान बन चूका था जहां लड़ाई खुद को बचाने की थी | अन्‍य चार आतंकियों ने गेट नंबर-4 से सदन में घुसने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाकर्मियों की जवाबी फायरिंग में इनमें से तीन आतंकी वहीँ ढेर हो गए । चौथा आतंकी आतंकी गेट नंबर-5 की ओर भागा लेकिन सुरक्षाकर्मियों की गोली ने उसे वहीं ढ़ेर कर दिया |

जवानों और आतंकवादियों के बीच सुबह 11:30 बजे शुरू हुई मुठभेड़ शाम 4 बजे ख़त्म हुई। संसद हमले में मारे गए पांचों आतंकियों की पहचान- हमजा, हैदर उर्फ तुफैल, राणा, रणविजय और मोहम्‍मद के तौर पर हुई। आतंकी हमले की दिल्‍ली पुलिस ने जांच की। उस हमले में पांच आतंकियों सहित 14 लोग मारे गए और 18 लोग घायल हुए | देश के लोगों में रोष और आँखों में क्रोध था और कई घरों, परिवारों में ग़म | भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि इस पूरे घटनाक्रम को पाकिस्तान में बैठे 3 खूंखार आतंकी मौलाना मसूद अजहर, गाजी बाबा उर्फ अबू जेहादी और तारिक अहमद ने अंजाम दिया था | दिल्‍ली पुलिस ने दो दिन बाद यानी 15 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी और संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को पकड़ा। उसके साथ ही एस ए आर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया। हमला लश्‍कर और जैश-ए-मोहम्‍मद आतंकियों ने किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद गिलानी और अफशान को बरी कर दिया, जबकि अफजल गुरु को फांसी की सजा बरकरार रखी। शौकत हुसैन की मौत की सजा को घटाकर 10 साल की जेल की सजा दी गयी। 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया।

कुख्यात आतंकियों में मौलाना मसूद अजहर का नाम शीर्ष पर आता है, 1994 में श्रीनगर में घूम रहे जैश-ए-मोहम्मद के अजहर को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था | इस आतंकी को छुड़ाने के लिए 1995 में उसके साथियों ने कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा किया लेकिन इनमें से एक भागने में कामयाब रहा, जबकि बाकी सारे पर्यटक मारे गए थे | इसके बाद 1999 में कंधार विमान अपहरण कर आंतकी मसूद अजहर को छुड़ाने में कामयाब हो गए थे | वाजपेयी शासनकाल में भारत से छुटने के बाद ही उसने भारतीय संसद पर हमले साजिश रची थी | वो यहीं नहीं ठहरा, माना जाता है कि 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में भी उसकी अहम भूमिका थी | 2016 के पठानकोट आतंकी हमले में भी उसकी भूमिका संदिग्ध मानी जाती है | भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने अजहर और उसके भाई को इस वारदात के लिए दोषी माना था | इसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी करतूतों को बेनकाब किया, उसके बाद इंटरपोल ने उसके खिलाफ दूसरी बार रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया |

भारत की कोशिश रही है कि अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जाए, जिस पर अमेरिका सहमति जताता है | लेकिन इस मामले में चीन हमेशा वीटो लगा देता है | उसके संगठन जैश-ए-मोहम्मद को भारत समेत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे कई देश आतंकी ग्रुप घोषित कर रखा है | जबकि पाकिस्तान में एक तरह से उसे हीरो का दर्जा मिला हुआ है | भारत के सबूत देने के बाद भी पाकिस्तान उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेता | मुंबई आतंकी हमले के बाद भी पाक ने उसे गिरफ्तार करने से मना कर दिया | उसने यहां तक कहा कि उसे नहीं पता कि अजहर कहां रहता है, जबकि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि पाक के भावलपुर में रहता है | साथ ही वह पाक की कुख्यात आईएसआई का दुलारा बना हुआ है | कई बार पाक जनता को संबोधित करते हुए उसके वीडियो भी वायरल हुए, लेकिन पाक सरकार को कुछ भी पता नहीं रहता |

भारतीय संसद पर हमले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले शाह नवाज खान उर्फ गाजी बाबा को अगस्त 2003 में श्रीनगर के पास मार गिराया गया | उस पर न सिर्फ संसद पर हमले करने बल्कि जम्मू-कश्मीर में कई आत्मघाती हमले का दोषी माना जाता है | एक ऑपरेशन के तहत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 11 घंटे चले इनकाउंटर में पाक आंतकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद के चीफ कमांडर (ऑपरेशंस) गाजी को उसके साथियों के साथ नूरबाग में मार दिया | उसके कई नाम थे, अबू जेहादी, शहबाज खान, अबू हिजारत | लेकिन सबसे अपने लोगों में उसका सबसे चर्चित नाम था डॉक्टर | यह आतंकी 1999 में कंधार विमान अपहरण का मास्टरमाइंड माना जाता है | मौलाना अजहर को छुड़ाने के लिए 1995 में विदेशी पर्यटकों के अपहरण के पीछे भी इसी का नाम था | संसद पर आतंकी हमले के एक और मास्टरमाइंड था तारिक अहमद, जो गाजी बाबा के साथ काम करता था | और उसी के कहने पर एक ऑपरेशन की योजना बनाना शुरू किया | इस बीच उसकी मुलाकात मसूद अजहर से हुई और फिर इन तीनों ने अपनी खतरनाक योजना को आगे बढ़ाया | हमले के बाद भी तारिक पाकिस्तान में ही रह रहा था | हालांकि इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है | उसके बार में बताया जाता है कि उसकी मौत हो चुकी है | हालांकि कोई एजेंसी अभी तक इस इस बात की पुष्टि नहीं करती |

ये मंज़र याद करके आँखें भर आती हैं और दिल काँप जाता है |

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