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138 साल पुराना भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम हुआ रिप्लेस138 साल पुराना भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम हुआ रिप्लेस खरीदा फर्जी सिम तो लाखों का लगेगा जुर्माना

ब्रिटिशर्स द्वारा बनाये गए गुलामी नियमों और कानूनों को अब बदला जा रहा है | बीते दिन तीन बिल पास किये गए जिसने कानून को ही नहीं बल्कि जनता को भी शक्ति दी | भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि इन बिलों के पेश करने का उद्देशय कानून व्यवस्था को बेहतर बनाना है | अब इन्ही बिलो में से एक बिल टेलीकॉम बिल को भी राज्यसभा के द्वारा पारित कर दिया गया है |

लगातार होम रहे फ्रॉड और जनता की सेफ्टी को देखते हुए सिम कार्ड खरीदने और बेचने के नियमों में बदलाव किया गया है | अब सिम कार्ड्स खरीदने के लिए नए नियम लागु हो चुके हैं | इस बिल को आम लोगों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर बनाया गया है | अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो उसपर लाखों का फाइन और कई साल की सजा का प्रावधान है |

आपको बता दे की नए बिल के तहत यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है (टेलीकॉम गैजेट्स के जरिए जैसे मोबाइल, सिमकार्ड, WiFi आदि) या इस तरह के कार्य में लिप्त पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा या 2 करोड़ का फाइन भरना पड़ेगा | साथ ही ये दोनों सजा भी दी जा सकती हैं | यदि टेलीकॉम ऑपरेटर को कोई नुकसान होता है तो 50 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है | साथ ही सरकारी अधिकारी और सरकार के पास ये अधिकार होगा वे सम्बंधित व्यक्ति का कनेक्शन को टैप और जरूरत पड़ने पर हमेशा के लिए रद्द भी कर सकते हैं |

अगर कोई व्यक्ति किसी सिम को गलत तरीके से क्लोन करता है, यानि उसी सिम को अपने नाम पर इशू करता है तो ये भी एक क्राइम में गिना जाएगा | नए बिल के तहत अब आपको प्रोमोशनल मैसेज भेजने से पहले कंपनियों को आपकी परमिशन लेनी होगी. यदि बिना परमिशन के आपको कॉल की जाती हैं तो 2 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है साथ ही कोई व्यक्ति फेक आईडी से सिमकार्ड लेता है तो उसे 3 साल की सजा और 50 हजार का फाइन भरना पड़ सकता है या ये दोनों सजा भी मिल सकती है | सिम कार्ड बेचने वाले दुकानदारों के लिए वेरिफिकेशन जरुरी है | इसके बिना वे अब कोई भी सिम नहीं बेच पाएंगे साथ ही ग्राहकों का भी बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अब मेंडेटरी है | नए नियम के तहत अगर कोई मैसेज जनहित में है तो इस तरह के सन्देश टेलीकॉम कंपनियां बिना किसी परमिशन के भेज सकती हैं जैसे कोई सरकारी हेल्थ स्कीम से जुड़ा मैसेज या आपातकालीन समय में आदि | सरकार इस कदम को जनता खूब सराह रही है |

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