विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक बार फिर से चेतावनी जारी की गई है दरअसल ये चेतावनी डब्ल्यूएचओ ने उस समय जारी की है जब देश में लगातार कोरोना के कई केस सामने आ रहे हैं और मौतों में भी तेजी देखी जा रही है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भारत में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही आइवरमेक्टिन मेडिसिन को लेकर चेतावनी दी गई है. WHO ने कहा है कि आइवरमेक्टिन पैरासिटिक संक्रमण में खाई जाने वाली दवाई है. इसका इस्तेमाल कोविड मरीजों के इलाज में हो रहा है.

WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने एक ट्वीट कर कहा कि, किसी भी नई बीमारी के लिए इस्तेमाल हो रही दवाइयों की सुरक्षा और प्रभावकारिता जरूरी होती है. WHO क्लीनिकल ट्रायल के इतर कोविड के इलाज में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल के खिलाफ है.

डॉक्टर स्वामीनाथन का ये ट्वीट तब आया है, जब एक दिन पहले ही गोवा ने आइवरमेक्टिन को कोविड के इलाज में सभी वयस्कों को दी जाने वाली दवा के रूप में मंजूरी दी है. गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि यूनाइटेड किंगडम, इटली, स्पेन और जापान के एक्सपर्ट पैनल्स की ओर से ‘मृत्यु दर में कमी, रिकवरी टाइम में तेजी और संक्रमण से मुक्ति के अहम प्रमाण दिखने के बाद’ मंजूरी मिली है, जिसके बाद इसे इलाज में हरी झंडी दिखाई दी गई है. गोवा में 18 साल से ऊपर के सभी मरीजों को पांच दिन तक रोज 12mg की आइवरमेक्टिन दिया जाएगा.

आपको ये जानकर हैरत होगी कि ये दूसरी बार है जब WHO ने आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर पिछले दो महीनों में चेतावनी दी है. इससे पहले मार्च में भी WHO ने कहा था कि ‘इसकी बहुत कम निश्चितता है कि इस दवा से बीमारी से मौत या फिर अस्पतालों में भर्ती होने की दर में कमी आती हो. कोविड-19 के इलाज में इसके एक्शन को लेकर हमें बहुत भरोसेमंद सबूत नहीं मिला है.
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