साल की पहली अमावस्या पर क्या रहेगा खास,13 जनवरी को रहेगी स्नान और दान की पौष अमावस्या

My Bharat News - Article amavasya

इस साल में पौष महीने की अमावस्या 12 और 13 जनवरी, दो दिन मनाई जाएगी.आपको बता दें कि 12 जनवरी को दोपहर में अमावस्या तिथि शुरू होने से इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध और दान किया जाना शुभ माना जाता है.अमावस्या के स्वामी पितर को माना गया है. इसलिए पितरों की शांति के लिए इस दिन तर्पण व श्राद्ध किया जाता है.वहीं इसके अगले दिन सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने से 13 जनवरी को सुबह जल्दी तीर्थ स्नान और दान करने से अनंत गुना पुण्य फल मिलेगा.साथ ही पौष माह में इस दिन सूर्यदेव की उपासना भी विशेष रूप से की जाती है.ऐसा माना जाता है कि पौष महीने की अमावस्या तिथि पर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने से हर तरह की शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं.

भौमावस्या का संयोग
ज्योतिष के संहिता स्कंध के अनुसार शुभ दिनों में पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देने वाली होती है.वहीं मंगलवार के दिन इस अमावस्या के होने से ये दिन सिद्धि देने वाला माना गया है। प्रख्यात विद्धानों का कहना है कि मंगलवार को पड़ने वाली इस अमावस्या पर पितरों की विशेष पूजा की जाए तो परिवार के रोग, शोक और दोष खत्म हो जाते हैं.साथ ही मंगलवार को अमावस्या होने से इस दिन उन सभी लोगों को विशेष व्रत रखने के साथ ही पूजा भी करनी चाहिए जो मंगल दोष से बचना चाहते हैं.

My Bharat News - Article snan

पौष अमावस्या पर स्नान, दान और व्रत
पौष अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर तीर्थ में या पवित्र नदी में लोगों को स्नान करना चाहिए.और अगर संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने का भी विशेष महत्व है.पौष अमावस्या पर पितरों को तर्पण करने का भी अपना एक अलग महत्व है.इसलिए पवित्र नदी, जलाशय या कुंड में स्नान कर के सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए.
पौष अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देकर इसके बाद पीपल के पेड़ का पूजन करना चाहिए और तुलसी के पौधे की परिक्रमा भी करनी चाहिए.इस दिन पितरों की शांति के लिए घर के सदस्यों को उपवास रखना चाहिए और जरूरतमंद व गरीब लोगों को दान-दक्षिणा देने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

My Bharat News - Article pitro

पौष अमावस्या का महत्व
सभी हिन्दू धर्म ग्रन्थों में पौष मास को बहुत ही पुण्य फलदायी बताया गया है.पौष अमावस्या के दिन किए गए व्रत और दान के प्रभाव से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं.ऐसी मान्यता है कि पौष अमावस्या का व्रत करने से पितरों को शांति मिलती है और मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.पौष अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपवास रखने से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं.आपको बता दें कि पौष मास में होने वाले मौसम परिवर्तन के आधार पर आने वाले साल में होने वाली बारिश का अनुमान भी लगाया जा सकता है.

My Bharat News - Article sankh