उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत रिप्ड जींस को लेकर अपने बयान के बाद देशभर में हुए विवाद को शांत करने के प्रयास में आगे आए हैं.सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि परिधानों को लेकर उनकी टिप्पणी भारतीय मूल्य और संस्कृति को केंद्रित करते हुए थीं.उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था.मातृशक्ति का सम्मान मेरे लिए सदैव सर्वोपरि रहा है.

इस दौरान सीएम ने कहा कि यदि उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वह उसके लिए वह क्षमा मांगते हैं.हर व्यक्ति अपनी इच्छा-पसंद के परिधान पहनने के लिए स्वतंत्र है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत महिलाओं के पहनावे पर टिप्पणी करने के मामले में लगातार घिरते जा रहे हैं.इसी मामले में उनका दूसरा वीडियो भी वायरल हो गया.वीडियो में वो श्रीनगर के कालेज का किस्सा सुनाते हुए लड़कियों के शॉर्टस पर टिप्पणी करते सुनायी दे रहे हैं.इससे पहले तीन दिन पहले उन्होंने महिलाओं के ‘फटी जींस’ पहनने को लेकर टिप्पणी की थी.जिसके बाद से ही उनके इस बयान का देश के अगल-अलग हिस्सों में विरोध हो रहा है.

उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों देहरादून, अल्मोड़ा, हिरद्वार समेत कई शहरों में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया और सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री के इस बयान का विरोध हो रहा है.ये विवाद मंगलवार को मुख्यमंत्री तीरथ रावत के उस बयान के बाद शुरू हुआ, जब उन्होंने देहरादून में बाल आयोग के एक कार्यक्रम में रिप्ड जींस को लेकर विवादित बयान दिया.मुख्यमंत्री ने कहा था कि,आज कल के युवा घुटनों पर फटी पैंट पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं.

ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं,सीएम तीरथ सिंह रावत ने अपनी एक हवाई यात्रा का जिक्र करते हुए एक महिला सहयात्री की रिप्ड जींस को लेकर टिप्पणी की थी.वहीं इस पूरे मामले में सीएम को घिरता देख उनकी पत्नी डॉ. रश्मि रावत बचाव में आगे आई हैं.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बचाव में वीडियो जारी करते हुए उनकी पत्नी ने कहा कि तीरथ ने जिस संदर्भ में ये बात कही है,उसका गलत मतलब पेश किया गया है.उनके अनुसार, सिर्फ एक शब्द को पकड़कर विपक्षियों ने इसका मुद्दा बनाया है.डॉ. रश्मि ने कहा कि तीरथ का मानना है कि महिलाओं की भागीदारी समाज और देश निर्माण के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है,महिलाएं हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाएं, हमारी पहचान को बचाएं, हमारी वेशभूषा को बचाएं.

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