रूस के खिलाफ यूक्रेन ने अपने देश के आम लोगों को भी मैदान-ए-जंग में तैनात करने का आदेश दे दिया है। यह फैसला राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने किया है । इसके अलावा 18 से 60 साल के लोगों के यूक्रेन छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।
रूसी हमलों से लगातार यूक्रेन बुरी तरह से प्रताड़ित नजर आ रहा है, लेकिन उसके हौसले अभी पस्त नहीं हुए हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की हथियार डालने की धमकी को फिर ठुकरा दिया है। आम लोगों को मैदान-ए-जंग में उतरने के फरमान से साफ है कि यूक्रेन आसानी से हार मानने वाला नहीं है। जेलेंस्की की आधिकारिक वेबसाइट ने आम तैनाती का आदेश प्रकाशित किया है। इसमें जंग के लिए आम लोगों को भी तैनात करने का हुक्म है।
राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय यूक्रेन के खिलाफ रूसी सैन्य अभियान और देश की रक्षा की खातिर लिया गया है। इससे युद्ध जारी रखने और यूक्रेन के सशस्त्र बलों और सहायक सैन्य इकाइयों को मदद पहुंचाई जा सकेगी।
उधर, यूक्रेन के सीमा रक्षा सेवा के प्रमुख डैनियल मेंशिकोव ने आदेश दिया कि 18 से 60 साल के पुरुष देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे। उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि युद्ध को देखते हुए इस आयु वर्ग के पुरुषों को देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कृपया घबराएं नहीं और बगैर इजाजत सीमा पार करने का प्रयास न करें।

दरअसल महाशक्ति देश रूस की सेना के सामने यूक्रेन की सेना बहुत ताकतवर नहीं है, लेकिन उसका हौसला मजबूत है। रूस लगातार बमबारी कर यूक्रेन को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। यूक्रेन ने भी कई रूसी विमानों व सैनिकों को मार गिराया है।
शुक्रवार को रूस ने एक बार फिर यूक्रेन के सैनिकों को हथियार डालने की चेतावनी दी, लेकिन यूक्रेन ने आत्मसमर्पण से इनकार कर दिया। इसके बाद रूस ने राजधानी कीव पर एयर स्ट्राइक कर दी है। कीव के रिहायशी इलाकों में लगातार छह धमाके हुए हैं। रूसी टैंकों के कीव में घुसने की भी खबर है। बेलारूस के रास्ते से रूसी टैंक घुसे हैं।
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