ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच तकरार लगातार जारी है. ट्विटर को देश में बने नए आईटी नियमों का पालन न करना भारी पड़ गया और उसे देश में कानूनी कार्रवाई में मिलने वाली छूट को गंवा दिया है. जिसको लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर ने कहा कि ट्विटर को मिले कानूनी सरंक्षण को लेकर कई सवाल उठ रहे है.

कानून मंत्री रवि शंकर ने बताया कि ट्विटर ने 25 मई को लागू हुए नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया. उसने कई मौके मिलने के बाद भी नियमों का पालन न करने का रास्ता चुना जिसके बाद उसके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि यूपी में जो भी हुआ वह फर्जी खबरों से लड़ने में ट्विटर के मनमानेपन का उदाहरण है.

केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर पर ट्वीट करके ट्विटर पर निशाना साधा है उन्होंने लिखा, ‘भारत की संस्कृति अपने बड़े भूगोल की तरह बदलती रहती है. कुछ स्थितियों में, सोशल मीडिया के प्रसार के साथ एक छोटी सी चिंगारी भी आग लगा सकती है, खासतौर पर फर्जी खबरों के मामले में.

उन्होंने आगे लिखा, ‘ट्विटर अपने फैक्ट चेकिंग मकैनिजम को लेकर अति उत्साही रहा है लेकिन यूपी जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में विफल रहने के बाद यह फर्जी सूचना से लड़ने में इसकी अयोग्यता को दर्शाता है.’

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा, ‘भारतीय कंपनियां फिर वह आईटी हो या फार्मा, जब बिजनेस के लिए अमेरिका या किसी और देश जाती हैं, तो स्वेच्छा से वहां के कानूनों का पालन करती है. तो फिर ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म गलत का शिकार हुए लोगों को आवाज देने के मकसद से बनाए भारतीय कानूनों का पालन करने में क्यों आनाकानी कर रहे हैं.’

आखिर में रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘अगर किसी विदेशी कंपनी को लगता है कि वे खुदको भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करने वाला बताकर यहां के कानूनों का पालन करने से बच सकते हैं, तो इस तरह के प्रयासों को असफल कर दिया जाएगा.’
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