पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार के दो मंत्रियों समेत 4 नेताओं की सीबीआई ओर से गिरफ्तारी ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है. इन गिरफ्तारियों को बीजेपी द्वारा प्रायोजित बताते हुए टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया है, यही नहीं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता सोमवार दोपहर को सीबीआई के दफ्तर के बाहर जा डटे और विरोध प्रदर्शन करते हुए पत्थरबाजी भी की.इस दौरान किसी भी तरह के उपद्रव की आशंका को देखते हुए सीबीआई दफ्तर के मुख्य गेट को बंद कर दिया गया है.

इसके अलावा ही केंद्रीय बलों की तैनाती सीबीआई दफ्तर के अंदर और मेन गेट के बाहर भी की गई है. सीबीआई की ओर से नारदा स्टिंग केस में सोमवार सुबह बंगाल सरकार के मंत्रियों फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा को अरेस्ट किया गया है. इन गिरफ्तारियों के विरोध में खुद सीएम ममता बनर्जी सीबीआई के दफ्तर पहुंच गई है.

सोमवार सुबह एजेंसी ने इन नेताओं के घर छापेमारी की थी और इन्हें अपने दफ्तर ले आई थी,कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को भी अरेस्ट किया गया है. इस बीच राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गवर्नर जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है.

धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘बिगड़ती स्थिति पर चिंतित हूं, ममता बनर्जी से बात कर संवैधानिक नियमों और कानून के पालन की मांग की है. राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस को सभी कदम उठाने चाहिए. दुख की बात है कि अथॉरिटीज की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है और हालात को बिगड़ने दिया जा रहा है.

फिलहाल दो मंत्रियों समेत टीएमसी के तीन नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई दफ्तर के बाहर टीएमसी के कार्यकर्ताओं का हुजूम डटा हुआ है. इस बीच सीबीआई की ओर से फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी की गिरफ्तारी की पुष्टि की गई है.

ममता बनर्जी ने सीबीआई को चुनौती दी है कि यदि हिम्मत है तो उन्हें गिरफ्तार करें. उनका कहना है कि राज्य सरकार या फिर स्पीकर को बताए बिना किसी विधायक या मंत्री को अरेस्ट नहीं किया जा सकता. बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा है, हाई कोर्ट के मुताबिक किसी भी विधायक को अरेस्ट करने से पहले स्पीकर को जानकारी दी जानी चाहिए,इस केस में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
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