बलिया के बैरिया क्षेत्र के छपरा गांव में रहने वाले 45 साल के हाथी सिंह ने अपना सपना पूरा करने के लिए शादी कर ली है.दरअसल हाथी सिंह ने प्रतिज्ञा ली थी कि वो आजीवन शादी नहीं करेगा और अपने गांव के लोगों की सेवा करेगा, लेकिन उसका सपना उस समय टूट गया जब उसे पता चला कि ग्राम प्रधान चुनाव में उसके क्षेत्र से पुरुष की जगह अब महिला चुनाव में उतरेंगी.

हाल में चुनाव के लिए आरक्षित सीट अब महिलाओं को दे दी गई है,इसलिए अब उस सीट से पुरुष चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अपने सपने को पूरा करने के लिए हाथी सिंह ने अपनी ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा को तोड़कर गांव की एक लड़की से शादी की और उसका नाम ग्राम प्रधान चुनाव में उम्मीदवार के रूप में दे दिया गया है.

हाथी सिंह ने अपने जीवन में ग्राम प्रधान बनने के लिए 10 साल तक मेहनत की है. वहीं हाथी सिंह ने पिछला चुनाव लड़ा था लेकिन उसमें वो जीत नही पाया. लेकिन इस बार वो हर कीमत में अपनी पत्नी को चुनाव में जिताना चाहते हैं.

हाथी सिंह ने अपनी ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा समर्थकों के कहने पर तोड़कर शादी की.हाथी सिंह ने बताया कि उसकी मां 80 साल की हैं जिनका ध्यान वो अकेले नहीं रख पाता है और दूसरी तरफ ग्राम प्रधान का चुनाव था जिसमें महिला कैंडिडेट ही हिस्सा ले सकती थी इसलिए महिला कैंडिडेट के रूप में पत्नी को भेज कर अपना सपना पूरा करने के लिए उसने शादी की है.

Leave a Reply
View Comments