केन्द्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 52वां दिन है.किसानों व सरकार के बीच अबतक कुल 9 बार बातचीत हो चुकी है लेकिन इस बातचीत के बीच कोई हल नही निकल सका है.आपको बता दें कि दोनों के बीच अब 19 जनवरी को एक बार फिर बातचीत करने पर सहमति बनी है.देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार की ओर से कुछ ऐसी बात बनती हो जो किसानों के आन्दोलन को खत्म कराने के साथ ही किसानों को सन्तुष्ट कर सकें.

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन अभी और दिनों तक चलने की उम्मीद जताई जा रही है क्योंकि देखा जा रहा है कि सरकार व किसानों के बीच बातचीत किसी नतीजे तक पहुंचने में सफल नहीं हो रही है.9वें दौर की बातचीत के दौरान भी दोनों पक्षों ने अपने पुराने राग को ही अलापा.सरकार के पक्ष की ओर से दोहराया गया कि वो कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है,जबकि किसान नेताओं की ओर से कानून को वापिस लेने की बात दोहराई गयी है.

सरकार ने किसान नेताओं से कहा कि वो अपनी ओर से एक समिति का गठन करें जो सरकार के सामने एक ठोस प्रस्ताव लेकर आये जिससे बातचीत कर कोई हल निकाला जा सके.वहीं बैठक में सरकार की ओर से मौजूद रहे खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने तीन क़ानूनों में से एक, आवश्यक वस्तु संशोधन क़ानून के बारे में किसानों को विस्तार से बताया और किसानों के सवालों का जवाब दिया. बैठक में किसानों ने हरियाणा में कुछ किसानों पर हुई एफआईआर और पंजाब के कुछ ट्रांसपोर्टरों पर एनआईए (NIA ) की ओर से कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया.
Leave a Reply
View Comments