देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले और गरम दल के प्रमुख नेता के रूप में रहे लाला लाजपत राय की आज 156वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए कहा महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जन्म जयंती पर कोटि कोटि नमन.

28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोंगा जिले में लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था.पंजाब में उनके कार्यों और देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें पंजाब केसरी की उपाधि दी गई. 1885 में कांग्रेस की स्थापना के वक्त से ही लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रमुख स्थान रखते थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए याद किया.

आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लाला लाजपत राय को अंग्रेजों ने बर्मा की जेल में भेजा था.जेल से आकर वो अमेरिका गए, वहां से लौटने के बाद लाला लाजपत राय महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का हिस्सा बने.यूं तो लाला लाजपत राय की लोकप्रियता पूरे देश में थी लेकिन पंजाब में अंग्रेजों के खिलाफ उनकी आवाज को पत्थर की लकीर माना जाता था.

पंजाब में उनकी लोकप्रियता और प्रभाव को देखते हुए उन्हें ‘पंजाब केसरी’ यानी ‘पंजाब का शेर’ कहा जाता था.साल 1928 में ब्रिटिश राज ने भारत में कुछ मामलों में सुधार लाने के लिए साइमन के नेतृत्व में साइमन कमीशन का गठन किया.अंग्रेजों ने इस कमीशन में किसी भी भारतीय को सदस्य नहीं बनाया.जिसके विरोध में लाला लाजपत राय ने झंडा उठाया.वहीं पर उनके ऊपर हुए लाठी के हमलों से घायल हुए लाला लाजपत राय जख्मी हालत में 18 दिनों तक अस्पताल में रहे जहां पर उनकी मृत्यु हो गई और 17 नवंबर 1928 को उन्होंने आखिरी सांस ली.

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