किसान आंदोलन को लेकर यूपी के दिल्ली बॉर्डर पर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं.प्रदर्शनकारियों की ओर से 6 फरवरी को चक्का जाम के ऐलान के बाद से ही दिल्ली बॉर्डर पर की जा रही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े किये जा रहे हैं.सवाल खड़े करने के पीछे सरकार की ओर से रोडों पर बिछाई जाने वाली कीलें मुख्य वजह हैं जिसपर लोगों ने अपना विरोध जताते हुए सरकार की कड़ी निंदा भी की.किसान से लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने भी इसका विरोध किया है.

इसी क्रम में वाराणसी मे समाजवादी पार्टी के नेता व पार्षद ने अनोखे तरीके से सरकार की इस कार्यशैली का विरोध जताया है. पार्षद ने अपने घर के मुख्य दरवाजे पर ठीक उसी तरह कीलें लगा दी हैं जैसी दिल्ली पुलिस ने किसानों के लिए लगाईं.यही नहीं पार्षद ने कीलों के साथ ही एक पोस्टर भी चस्पा किया है, जिस पर बीजेपी नेताओं के लिए नो एंट्री लिखा हुआ है.सपा पार्षद के इस कार्य की चर्चा पूरे क्षेत्र में है.

वाराणसी के मिसिर पोखरा इलाके में रहने वाले इस सपा पार्षद का नाम रविकांत विश्वकर्मा है.रविकांत ने बताया कि किसान आंदोलन के खिलाफ जिस तरह से बीजेपी सरकार ने रास्तों में कीलें लगवाईं, उसका वो विरोध करते हैं. इसलिए इन्होंने अपने घर के दरवाजे की कीलबंदी कर दी है.उन्होंने यहां बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के आने पर पाबंदी लगा दी है. सपा नेता की ओर से उठाए गए इस कदम से पूरे क्षेत्र में उनकी जोरों शोरों से चर्चा हो रही है.

आपको बता दें कि एक बार फिर किसान 6 फरवरी को सरकार की ओर से लाए जा रहे तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में मार्च निकालने का एलान कर चुके हैं.जिस पर कई सियासी पार्टियों ने भी अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है. वाराणसी में भी कांग्रेस व सपा नेता 6 फरवरी को किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं.वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने भी सड़कों पर लगाई गई कीलों के विरोध में सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि देखो सरकार ने अभी सिर्फ सड़कों पर कीलें ठोकी हैं कहीं गरीबों की रोटी पर भी सरकार कीलें ना लगवा दें.

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