रांची में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर एक दिन पहले इंडिगो के कर्मियों ने एक दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट पर चढ़ने से इसलिए रोक दिया कि फ्लाइट पर जाने को लेकर वो घबराया हुआ था. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री को एक ट्वीट किया गया था, इसके बाद अब केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने जांच के आदेश दिए हैं और इस पूरे मामले की रिपोर्ट भी मांगी है.
केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयरलाइन के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है,ट्वीट कर उन्होंने लिखा है, इस तरह के बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसी भी इंसान को इस तरह की परिस्थिति से नहीं गुज़रना चाहिए. मै खुद इस मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

वहीं इस मामले पर अब इंडिगो एयरलाइंस ने कहा कि,7 मई को एक विकलांग बच्चा अपने परिवार के साथ फ्लाइट में नहीं चढ़ सका,क्योंकि वो डरा हुआ था. ग्राउंड स्टाफ ने आखिरी मिनट तक उसके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, बच्चे को फ्लाइट में नहीं बैठाया गया. इसके बाद एयरलाइन की ओर से परिवार को होटल में ठहरने की सुविधा दी गई और उन्होंने अगली सुबह हैदराबाद के लिए उड़ान भरी.

मनीषा गुप्ता नाम के एक यात्री ने लिंक्डइन पर इस घटना की विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि शनिवार को रांची हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग किशोर को काफी असुविधा हुई. हवाई अड्डे तक की यात्रा से हुई थकावट और फिर सुरक्षा जांच के तनाव से वो भूखा, प्यासा, बेचैन और भ्रमित हो गया. उसके माता-पिता जाहिर तौर पर जानते थे कि उसे कैसे संभालना है. धैर्य के साथ, गले लगाकर. मनीषा गुप्ता ने बताया कि जब तक विमान में सवार होने की प्रक्रिया शुरू हुई तब तक बच्चे को खाना खिला दिया गया और उसको दवाएं दे दी गयीं. फिर हमने क्रूर ताकत का पूरा प्रदर्शन देखा. इंडिगो कर्मियों ने घोषणा की कि बच्चे को विमान में सवार नहीं होने दिया जाएगा क्योंकि उससे अन्य यात्रियों को खतरा है.
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