यूपी पंचायत चुनाव के लिए पीलीभीत जिले में नामांकन शुरू हो गया है. सुबह 8 बजे नामांकन प्रक्रिया शुरू की गई. नवरात्रि के पहले दिन सुबह ही प्रत्याशी पूजा पाठ कर नामांकन करने पहुंचे.नामांकन में कोरोना वायरस के चलते इस बार सिर्फ एक उम्मीदवार के साथ एक ही प्रस्तावक आने की अनुमति दी गई.

हालांकि नामांकन स्थल पर प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने पर काफी लंबी लाइनें लगीं रहीं. वहीं दूसरी ओर जिले के बरखेड़ा थाना के ईंटा रोड निवासी एक शख्स अलग ही वेशभूषा में नामांकन कराने कलेक्ट्रेट पहुंच गया. अजीबो-गरीब वेशभूषा में दिखने वाला ये शख्स जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन कराने के लिए आया था. युवक के पहनावे को देखकर सभी दंग रह गए.

सभी केंद्रों पर जोनल मजिस्ट्रेट व सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई. जिला पंचायत के 34 वार्डो के नामांकन कलेक्ट्रेट में शुरू हो गए थे. सुबह 10 बजे तक आठ उमीदवारों ने नामांकन कराए, इसके अलावा ग्राम प्रधान, बीडीसी, ग्राम पंचायत सदस्य के संबंधित ब्लॉक में नामांकन शुरू हुए.

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने नामांकन स्थल पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और प्रत्येक उम्मीदवार और प्रस्तावक को गेट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग के बाद अंदर जाने दिया गया. सभी ब्लॉकों में न्याय पंचायत वार नामांकन की व्यवस्था की गई, ताकि किसी को ज्यादा दिक्कत न हो.

मरौरी ब्लॉक में सुबह आठ बजे ही उम्मीदवारों की लाइन लग गई थी. इसमें पुरुषों से ज्यादा महिलाएं नामांकन कराने पहुंची. नामांकन प्रक्रिया के तुरंत बाद उम्मीदवारों के सभी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने में कुछ समय लग रहा था. नामांकन स्थल से 200 मीटर की दूरी पर काफी सख्ती बरती जा रही है, ना तो कोई वाहन खड़े होने दिया जा रहा है न हीं दुकान खोली गई.ऐसे में अगर कोई वाहन खड़ा करता है तो तत्काल पुलिस उसे हटा देती है….

पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान एक से बढ़कर एक दिलचस्प प्रत्याशी सामने आए. बरखेडा के ईटारोडा के निवासी रामकिशन पुत्र रामदयाल ने जिला पंचायत सदस्य के लिए वार्ड 26 के लिए नामांकन कराया. अपनी वेशभूषा को लेकर लोगों के बीच चर्चा का केंद्र रहे राम किशन एक दम चुप रहें, किसी से कोई बात नहीं की और अपनी भाव भंगिमा से लोगों को आकर्षित करत रहे. बिना कुछ बोले इन्होंने नामांकन कराया और इनके साथ आए प्रस्तावक ओमकार ने बताया कि मौन व्रत रखा हुआ है..लेकिन दावा ये भी किया जा रहा है कि पिछले चौदह बरस से राम किशन बोले नहीं हैं.

हालांकि ये बात सच साबित नहीं हो पा रही है और इसे पंचायत चुनाव में लोकप्रियता पाने का जरिया भी माना जा रहा है. प्रस्तावक ने बताया कि राम किशन कई बार विदेश गए हैं और वहां के सिक्के अपनी इस वेशभूषा पर लगा लेते हैं. ईटारोडा के पड़ोस के गांव डडिया भगत के धर्मपाल ने बताया कि राम किशन जिले में बहुत काम आते जाते हैं, बाबा बफार्नी के भक्त रामकिशन का व्रत इस नवरात्र के बाद खुल जाएगा…
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