देश में जब इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने हर किसी को अपनी चपेट में लिया है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी जांबाज है जो लगातार कोरोना से अभी भी जंग लड़ रहे हैं और उनकी इच्छाशक्ति ही है जो उन्हें इस घातक बीमारी से जंग जीतने में सफल कर रही है.आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही लड़की की कहानी जो हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं जिनके बारे में जानकर हर वो शख्स प्रेरित होगा जो इस महामारी से लड़ाई लड़ रहा है.

जी हां हम बात कर रहे हैं शिवांगी पाठक की जिन्होंने कोरोना से जंग जीतकर अपने मिशन की ओर कदम बढ़ा दिए हैं और ऐसे लाखों लोगों को हिम्मत दी है जो घबराकर हार मान जाते हैं.बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी का सबसे बुरा असर इंसान के दिमागपर पड़ रहा है.कोरोना से होने वाली मौतों का कारण भी घबराहट को माना जा रहा है.ऐसे में दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने पर जोर दे रहे हैं,उनका कहना है कि अगर हम सभी मानसिक रूप से खुद को मजबूत कर लें तो कोरोना को हराना आसान हो जाता है.

देश में कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना को हराकर लौटे हैं और अब ठीक भी हैं इसी में एक नाम शामिल है हरियाणा के हिसार की रहने वाली शिवांगी पाठक का,शिवांगी माउंट ल्होत्से की चढ़ाई करने निकली ही थीं कि इनकी तबियत बिगड़ गई.मिशन के दौरान अचानक तबियत खराब होने पर उनका ऑक्सीजन लेवल 18 पर आ गया था,फेफड़ों में पानी भी भर गया था.

जांच कराकर उन्हें पता चला कि वो कोरोना संक्रमित है,उनके लिए ये समय बेहद ही कठिन था.एक तरफ उनका मिशन था तो दूसरी तरफ उनकी जिंदगी भी.ऐसी स्थिति में किसी के भी लिए आगे बढ़ना आसान नहीं होता,लेकिन शिवांगी ने हार नहीं मानी और इस बीमारी से लड़ने की ठान ली.इस दौरान उन्होंने डॉक्टर की सलाह का पालन किया.

होटल के एक कमरे में शिवांगी ने खुद को आइसोलेट करते हुए अच्छी डाइट,योगा और एक्सरसाइज का पूरा ध्यान रखा.जिसके 10 दिनों बाद ही वो कोरोना को हराने में सफल रही और अपने मिशन पर आगे बढ़ने की ठान ली.शिवांगी के परिजनों ने भी बताया कि उनकी बेटी अब बिल्कुल ठीक है और उन्हें विश्वास है कि वो मिशन में जरूर सफल होगी.

कोरोना से जंग जीतकर शिवांगी दोबारा 8 मई को बेस कैंप पहुंची और अपने मिशन के लिए निकल चुकी हैं.उम्मीद जताई जा रही है कि शिवांगी 25 मई तक विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराएंगी.

इस बहादुर और जांबाज पर्वतारोही को उस दिन पूरा देश सलाम करेगा जब वो अपने मिशन पर कामयाब होंगी.आज इनकी ये कहानी कोरोना महामारी से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए किसी प्ररेणा से कम नहीं है.
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