11 मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व पर जानिए मुहूर्त और राशि के अनुसार विधि-विधान से पूजा करने का तरीका

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जानिए इस महाशिवरात्रि पर क्या है विशेष

महाशिवरात्रि व्रत का पालन फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है. इस बार यह पावन पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा. 11 मार्च को गुरुवार का दिन होने से इस बार महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है.प्रख्यात आचार्य और विद्वानों का कहना है कि महाशिवरात्रि 11 मार्च को दोपहर 2: 39 बजे से शुरू होकर 12 मार्च को दोपहर 3: 02 बजे तक रहेगी. 11 मार्च सुबह 9: 25 तक शिव योग रहेगा. उसके बाद सिद्ध योग लग जायेगा. जो कि 12 मार्च सुबह 8: 29 बजे तक रहेगा.

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आचार्यों ने बताया कि शिव योग में किए गए सभी मंत्र शुभफलदायक होते हैं, इस बार महाशिवरात्रि पर घनिष्ठा नक्षत्र होगा और सुबह 9 :25 बजे तक चंद्रमा मकर राशि में फिर कुम्भ राशि में विराजमान रहेंगे.

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महाशिवरात्रि के दिन शिव योग में किए गए सभी मंत्र होते हैं शुभफलदायक

बताया जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था, इसलिए इस दिन उनके विवाह का उत्सव मनाया जाता है. ये व्रत सभी वर्णो की स्त्री- पुरुष और बाल, युवा, वृद्ध के लिए मान्य है. शिवरात्रि व्रत की महत्ता इस बात के लिए भी मानी जाती है कि ये पर्व सब पापों का शमन करने वाला है. इससे सदा सर्वदा भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है, शिव पूजन में स्नान के उपरान्त शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध,दही घृत, मधु, पंचामृत, गन्ने का रस, चन्दन, अक्षत, पुष्पमाला, बेल पत्र, भांग, धतूरा इत्यादि द्रव्यों से अभिषेक विशेष मनोकामनापूर्ति हेतु किया जाता है और ‘‘ऊँ नमः शिवाय’’ मंत्र का जाप करना चाहिए.

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 शिवरात्रि में प्रातः एवं रात्रि में चार प्रहर की शिव पूजन का विशेष महत्व है.इस दिन चार प्रहर की पूजा करना अत्यधिक श्रेयस्कर होता है.राशि के अनुसार पूजन करने के लिए मेष राशि वालों के लिए शहद और गन्ने के रस से शिवलिंग पर भिषेक करना लाभदायक सिद्ध होगा.वृषभ राशि के लिए दुग्ध और दही से, मिथुन राशि वालों के लिए दूर्वा से शिव जी को मनाना होगा. कर्क राशि के लिए दुग्ध, शहद उचित सिद्ध होगा.

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सिंह के लिए शहद और गन्ने के रस से.कन्या राशि वालो के लिए दूर्वा एवं दही. तुला के लिए दुग्ध, दही.वृश्चिक राशि वालों के लिए गन्ने का रस, शहद और दुग्ध श्रेयस्कर साबित होगा.वहीं धनु राशि वालों को लिए केवल दुग्ध और शहद से ही फल मिल जाएगा. मकर राशि वालों के लिए गंगा जल में गुड़ डालकर मीठा रस शिव जी पर चढ़ाना होगा.और अंत में कुंभ राशि के लोगों के लिए दही और मीन राशि के लिए दुग्ध और शहद के साथ में गन्ने का रस मिलाना जल्द फल दिलाएगा.

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