देश भर में इस साल कोरोना वैश्विक महामारी की दूसरी लहर ने ईद के त्योहार को फीका कर दिया.देशभर में ईद का त्योहार इस बार बड़े ही सादगी और सौहार्द के साथ मनाया गया है.ईद पर लोगों ने मस्जिदों में नमाज अदा करते वक्त भी कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखा और नमाज में इस बात की दुआ मांगी कि दुनिया से कोरोना महामारी का जल्द से जल्द खात्मा हो सके.

ईद के मौके पर यूपी के उरई में मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्यों ने डीएम प्रियंका निरंजन के साथ सड़कों पर निकलकर गरीबों की मदद करते हुए अपनी ईद मनाई.आपको बताते चलें कि इससे पहले भी मायरा फाउंडेशन के सदस्यों ने देश में पिछले साल आई महामारी के दौर में लाखों प्रवासी मजदूरों की मदद करने के साथ ही उन गरीबों को खाना खिलाते हुए उनकी दुआ कबूल की थी.गौरतलब है कि मायरा फाउंडेशन हमेशा से ही गरीबों की मदद करने के लिए आगे आती रही है.

उरई की डीएम प्रियंका निरंजन के साथ मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्यों ने सड़कों पर रहने वाले गरीबों को बतौर ईदी देते हुए फल और मास्क के अलावा सैनिटाइजर देते हुए इस बात को कहा है कि देश में महामारी के दौर में हम इन गरीबों की जितनी मदद कर पाएं हमारे लिए यही त्योहार है.

डीएम प्रियंका निरंजन ने उरई तहसील क्षेत्र के लोगों से कोरोना से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क लगाने की भी अपील की है.डीएम ने अपनी बातों को कहते हुए लोगों से कोरोना महामारी को हराने में लोगों से उनका सहयोग मांगा है.

वहीं इस मौके पर उरई में मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से जमाल खान उर्फ पप्पू थापा और शादाब हुसैन मौजूद रहें,जिन्होंने वहां मौजूद मीडिया कर्मी को जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग यहां इन लोगों के साथ ईद के त्योहार को मनाने आए हैं.शादाब हुसैन ने कहा कि ईद का त्योहार तभी बड़ा माना जाता है जब गरीबों के चेहरों पर हम मुस्कान ला सकें और ऐसा तब होता है जब गरीब लोग भी नए कपड़े पहनते हैं,अच्छा खाना खाते हैं और उनके साथ अपनी इन खुशियों को बांटते हुए हम भी खुश होते हैं.

ईद के मौके पर लोगों की मदद करते हुए मायरा फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्य शादाब हुसैन ने बताया कि इस कोरोना काल में हमने इस बार ये फैसला लिया कि हम लोग ईद पर नए कपड़े नहीं पहनेंगे,कोई भी नया कपड़ा नहीं खरीदेंगे बल्कि जो पैसा हम अपने कपड़ों पर खर्च करते थे उन्हीं पैसों से हमने खाने के पैकेट पैक कराके इन गरीबों में बांटे हैं,क्योंकि ऐसा मानना है कि अगर ये लोग खुश रहेंगे लो अल्लाह हमें भी खुश रखेगा.

Leave a Reply
View Comments