बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के अपने सरकारी आवास में कोविड केयर सेंटर खोले जाने के मामले ने बिहार की राजनीति में अब तूल पकड़ लिया है. आरजेडी इसके जरिये जहां नीतीश सरकार पर निशाना साध रही है, जबकि विरोधी इसे तेजस्वी की राजनीतिक नौटंकी बता रहे हैं.
अपने 1, पोलो रोड स्थित सरकारी आवास पर तमाम जरुरी मेडिकल दवाओं, आवश्यक उपकरणों तथा खाने-पीने की नि:शुल्क सुविधाओं से सुसज्जित राजद कोविड केयर की स्थापना कर नियमानुसार इसे सरकार द्वारा अपनाने का अनुरोध और सौंपने का निर्णय लिया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे विस्तारित किया जा सकता है। pic.twitter.com/JxSUASScKp
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 19, 2021
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पूछा कि तेजस्वी यादव के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डॉक्टर हैं. कोरोना संक्रमण के दौर में पीएम मोदी के निर्देशानुसार उनकी सेवाएं अस्पतालों में क्यों नहीं ली गईं. इस पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भड़क गईं, रोहिणी ने एकदम ठेठ बिहारी अंदाज में कहा कि आकर मुंह ठुर देंगे.

सुशील मोदी ने ट्वीट किया कि तेजस्वी यादव को सरकारी आवास के बजाय अवैध तरीके से पटना में अर्जित दर्जनों मकानों में से किसी को कोविड अस्पताल बनाना चाहिए था, जहां गरीबों का मुफ्त में इलाज कराया जा सकता. कांति देवी ने मंत्री बनने के बदले जो दो मंजिला भवन तेजस्वी यादव को गिफ्ट किया था, उसमें या राबड़ी देवी के पास जो 10 फ्लैट बचे हैं, उनमें अस्पताल क्यों नहीं खोला गया?

सुशील मोदी ने अगले ट्वीट में पूछा कि तेजस्वी यादव के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डाक्टर हैं. कोरोना संक्रमण के दौर में उनकी सेवाएं क्यों नहीं ली गईं? यदि राजद नेतृत्व में गरीबों की सेवा के लिए तत्परता और गंभीरता होती, तो अस्पताल शुरू करने के लिए पहले सरकार से अनुमति ली जाती और उसके मानकों का पालन किया जाता.

सुशील मोदी यहीं तक नहीं ठहरे उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टर, उपकरण-स्वास्थ्यकर्मी के किसी परिसर में केवल कुछ बेड लगा देने से अस्पताल नहीं हो जाता, इससे केवल अस्पताल होने का नाटक किया जा सकता है.
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