किसान आंदोलन की रणनीति के लिए बुलायी गई महापंचायत में गिरा मंच ,राकेश टिकैत समेत कई नेता हुए चोटिल

My Bharat News - Article
महापंचायत के दौरान मंच पर मौजूद राकेश टिकैत

देश भर में चलाए जा रहे किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की हो चुकी बातचीत के बाद भी अबतक कोई हल नहीं निकल सका है.किसान नेताओं की तरफ से अब तक अपनी मांगों पर अड़े हुए राकेश टिकैत ने आंदोलन के दौरान भावुक होकर किसान आंदोलन को एक नई धार देते हुए अपनी मंशा जाहिर कर दी है और सरकार के सामने खुल कर अपनी बात कहते हुए कहा है कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.

My Bharat News - Article
महापंचायत के दौरान गिरा मंच राकेश टिकैत समेत कई नेता हुए घायल

किसान नेताओं की ओर से हरियाणा के जींद के गांव कंडेला में बुलायी गयी महापंचायत में हादसा हो गया.मंच पर मौजूद किसान नेता राकेश टिकैत किसानों को संबोधित कर रहें थे उसी दौरान मंच टूटकर गिर गया.मंच पर मौजूद राकेश टिकैत समेत कई अन्य किसान नेता घायल हो गए हैं.मंच से किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में आंदोलन को कमजोर करने के लिए सरकार की ओर से की गई किलेबंदी अभी तो एक नमूना है.आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी की जाएगी. रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही ये आंदोलन शुरू किया गया है और हमारी पूरी कोशिश है कि आंदोलन को किसी भी हालत में कमजोर ना पड़ने ना दिया जाए.

अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है.आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे और सरकार से की गई मांग को मनवाने के लिए आंदोलन को और तेज करेंगे.

My Bharat News - Article fhfgb
महापंचायत में जुटी हजारों की संख्या में भीड़

वहीं राकेश टिकैत ने खुद पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने की बात पर कहा, ‘जब तक आंदोलन चल रहा है चलता रहेगा.उसके बाद जेल में रहूंगा.मीडिया ने लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि ये सब सरकार की मिली-भगत थी इससे हमारे किसान आंदोलन का कोई संबंध नहीं था.

My Bharat News - Article
महापंचायत में जुटी लोगों की भीड़

राकेश टिकैत ने अपने पिता के समय से किसानों के हक की लड़ाई को याद करते हुए कहा कि पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं.हमने संसद घेरने की बात भले ही कही, पर लाल किले पर जाने की न तो कभी बात कही और न ही हम गएं.26 जनवरी को लाल किले पर जाने वाले लोग किसान नहीं थे और जो थे, वे सरकार की साजिश का हिस्सा थे.उन्हें आगे जाने दिया गया तभी वो जा सके ये सब सरकार की ओर से चली गई चाल थी जिससे किसान आंदोलन को बदनाम कर खत्म किया जा सके.

My Bharat News - Article
6 फरवरी को चक्का जाम को लेकर पुलिस की ओर से की गई है बैरेकेडिंग

आपको बता दें कि बुलाई गई महापंचायत में 5 प्रस्ताव पारित किए गयें हैं जिसके लेकर राकेश टिकैत ने उन 5 प्रस्तावों के बारे में बताया है. तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद्द किए जाएं,न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून जामा पहनाया जाए,स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए,किसानों का कर्जा माफ किया जाए और 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्‍त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए किसानों पर दर्ज जबरदस्ती के केस वापस लिए जाएं.

My Bharat News - Article
आंदोलन कारियों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से की गई है तगड़ी व्यवस्था