राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि उन्होंने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर समूह “ख” एवं समूह “ग,” के कर्मचारियों के लिए वर्तमान स्थानांतरण सत्र शून्य करने की मांग किया था. उन्होंने अपने पत्र में अवगत कराया था कि विगत वर्ष में 80% से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया गया था. विगत वर्ष के स्थानांतरण की विसंगतियां अभी भी दूर नहीं हुई है.
संयुक्त परिषद ने मांग किया था कि विगत वर्ष के स्थानांतरण की विसंगतियां दूर की जाए. संगठन के जिन पदाधिकारियों का स्थानांतरण विगत वर्ष जनपद से बाहर कर दिया गया था उनको वापस लाने पर विचार किया जाए और समूह “ख” एवं “ग” के कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण सत्र शून्य किया जाए.

जे.एन.तिवारी ने अवगत कराया है कि मुख्य सचिव ने 13 मई 2022 को एक आदेश जारी कर समूह “ग” के कार्मिकों का 3 वर्ष के उपरांत पटल परिवर्तन करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस आदेश से अब समूह “ग” के कर्मचारी जनपद के अंदर एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय अथवा एक पटल से दूसरे पटल पर समायोजित किए जाएंगे. उनको जनपद से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा. इस आदेश से प्रकारंतर रूप से समूह “ग” के कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण सत्र शून्य हो गया है.

आदेश के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र एवं अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने ये भी कहा कि, निजी अनुरोध पर रिक्त पदों के सापेक्ष स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए. पति-पत्नी का एक ही स्थान पर समायोजन, पदोन्नति पर समायोजन एवं प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण किए जाने की पूर्व प्रक्रिया , पारस्परिक स्थानांतरण चाहने वाले कर्मचारियों को भी अवसर दिया जाना चाहिए, उच्च शिक्षा विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम विभाग के संविदा कर्मी जो अपने घरों से सुदूर जनपदों में कार्य कर रहे हैं, उनको भी उनके जनपद या जनपद के आसपास समायोजित करने का विकल्प भी खोले जाने की मांग संयुक्त परिषद ने किया है.
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