जिस खाकी वर्दी के भरोसे प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा का जिम्मा है अगर वही खाकी पुलिस बेटियों के लिए हैवान बन जाएं तो क्या होगी सुरक्षा व्यवस्था इस पर मंथन करने से ज्यादा जरूरी अब ये हो गया है कि,बेटियों की इज्जत को खिलवाड़ सनझने वाले ऐसे दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.

मामला यूपी के ललितपुर जिले का है जहां पर एक 13 साल की लड़की जब थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंची तो पाली थाने में तैनात एसओ तिलकधारी सरोज ने सरकारी क्वार्टर में ले जाकर उसके साथ दुषकर्म किया. पीड़िता ने 22 अप्रैल को 4 लड़कों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जब उसे पाली थाने लाया गया तो एसएचओ ने उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं अब एसएचओ समेत 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले में एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ा लिया है, जबकि एसपी ललितपुर निखिल पाठक ने आरोपी एसएचओ को निलंबित कर दिया है,जबकि आरोपी एसओ तिलकधारी सरोज फरार हो गया है.

नाबालिग से दुष्कर्म के बाद फरार पाली थाने के पूर्व एसओ तिलकधारी सरोज की तलाश में डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने 3 पुलिस टीमें गठित की हैं. आरोपी दरोगा की तलाश में सर्विलांस टीम भी लगी है, उसकी तलाश में प्रयागराज के गंगापार इलाके में देर रात दबिश दी गई परिवार के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
योगी जी की पुलिस निरंकुश हो चुकी है ,चंदौली में एक मासूम बेटी के साथ रेप और हत्या के आरोपों के बाद यूपी की योगी जी की पुलिस पर ललितपुर के पाली में पुलिसवालों द्वारा सामूहिक बलात्कार का आरोप लगा है ,
— SamajwadiPartyMedia (@MediaCellSP) May 3, 2022
वसूली ,हत्या ,अपहरण ,फिरौती के बाद अब यूपी पुलिस रेप और गैंगरेप भी करने लगी है👇 pic.twitter.com/pkaQZ39bCI
वहीं अब ललितपुर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से थाने में दुष्कर्म के मामले में सियासत गरमाने लगी है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने के लिए ललितपुर रवाना हुए हैं. प्रियंका गांधी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए योगी सरकार से सवाल पूछा है. प्रियंका गांधी ने पूछा कि अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वो शिकायत लेकर जाएंगी कहां? क्या उप्र सरकार ने थानों में महिलाओं की तैनाती बढ़ाने, थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से सोचा है? प्रियंका गांधी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिला सुरक्षा और महिला हितैषी कानून व्यवस्था के लिए गंभीर कदम उठाने ही होंगे.
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