गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रुप ले लिया था जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोलने छोड़ने पड़े.जिसमें 300 पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ ही 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 22 एफआईआर दर्ज की गई हैं.वहीं लगातार कई दिनों से केन्द्र सरकार के खिलाफ नए कृषि कानून वापिस लिए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने इस हिंसा से खुद को अलग करते हुए शांतिपूर्ण आंदोलन की बात कही है.

इस पूरे मामले को लेकर फेमस कवि कुमार विश्वास ने भी ट्वीट किया.अपने ट्वीट में कुमार विश्वास ने लिखा कि संविधान की मान्यता के पर्व पर देश की राजधानी के दृश्य लोकतंत्र की गरिमा को चोट पहुंचाने वाले हैं.याद रखिए देश का सम्मान है तो आप हैं.हिंसा लोकतंत्र की जड़ों में दीमक के समान है.जो लोग मर्यादा के बाहर जा रहे हैं वे अपने आंदोलन व अपनी मांग की वैधता व संघर्ष को खत्म कर रहे हैं.

कुमार विश्वास ने कहा कि सोचकर और देखकर मन बहुत ख़राब है.हमें क्षमा करना पुण्य-पूर्वजों हमारी सोच,हमारे काम व हमारी व्यवस्था ने आपके बलिदानों से अर्जित गणतंत्र दिवस को दुख का दिन बना दिया.कोई एक पक्ष नहीं, एक देश के नाते हम सब ज़िम्मेदार हैं, हम सबने एक दूसरे को दुख पहुंचाया दुनिया हम पर हंस रही है.

आपको बता दें कि किसान परेड के दौरान हिंसा,सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और लाल किला कि प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा दूसरा झंडा फहराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने मुख्य न्यायधीश शरद अरविंद बोबड़े को पत्र लिखकर स्वत: संज्ञान लेने की मांग की है.विनीत जिंदल ने पत्र में लिखा कि लाल किला की प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा दूसरा झंडा लगाना राष्ट्रीय झंडे का अपमान है. पत्र में मांग की गई है कि दूसरा झंडा फहराने, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की जाए.

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