कोरोना महामारी के दौर से बॉलीवुड में आने वाली फिल्मों को लेकर दर्शकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में सिनेमाहॉल की ओर रूख करने वाले दर्शकों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म एक नयी उम्मीद व इंटरटेनमेंट का नया साधन बनकर सामने आया है.इसी के चलते हाल ही में अमेजन प्राइम पर पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज तांडव रिलीज हो चुकी है.

आपको बता दें कि यदि आप राजनीति में रूचि रखते हैं और ससे जुड़ी फिल्में देखते हैं तो ये आपके लिए अच्छी सीरीज हो सकती है.9 एपिसोड्स में रिलीज हुई इस फिल्म के पहले ही एपिसोड में तिग्मांशु धूलिया के कैरेक्टर के समाप्त होने से उनके फैन्स निराश हो सकते हैं.स फिल्म में राजनीति को बेहद ही संजीदगी के साथ दिखाया गया है जिसमें दो कहानियां एक साथ चलती हैं,एक तरफ दिल्ली की सत्ता यानि पीएम की कुर्सी के लिए लड़ाई चल रही होती है तो वहीं दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर भेद-भाव,जातिवाद,पूंजीवाद से आजादी दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी जा रही होती है.

फिल्म मे प्रधानमंत्री का रोल निभा रहे देवकी नंदन यानि तिग्मांशु धूलिया चुनाव में अपनी पार्टी को तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए तैयार दिखते हैं लेकिन इसी बीच उनकी मौत को अंजाम दे दिया जाता है.प्रधानमंत्री के इस तरह से अचानक मौत हो जाने पर मीडिया से लेकर आम जनता तक सभी में इस बात का हो हल्ला होता है कि अगला प्रधानमंत्री देवकी नंदन का बेटा समर बनेगा लेकिन समर इस पद को अपनी मर्जी से ठुकरा देता है.जिसके बाद ही उसके इस फैसले पर सभी लोग हैरान हो जाते हैं.

आपको बताते चलें कि फिल्म ने पक्ष- विपक्ष को पीछे छोड़ते हुए पार्टियों के बीच होने वाले राजनीतिक उथल-पुथल पर ज्यादा ध्यान दिया है,जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री की मौत के बाद से ही कई दावेदारों के एकसाथ खड़े होने से हो जाती है.लेकिन इस पर जीत किसकी होगी यही फिल्म की पूरी सीरिज को आगे बढ़ाता है.
फिल्म की कहानी जेएनयू से है प्रभावित- फिल्म के दूसरी तरफ विवेकानंद नेशनल यूनिवर्सिटी की कहानी चल रही है इसमें भले ही नाम वीएनयू कर दिया गया है, लेकिन फिल्म की कथानक से लगता है कि स्टोरी को जेएनयू के हिसाब से बुना गया है.यहां किसान आंदोलन के साथ खड़ा होकर युवा छात्र नेता शिवा शेखर (मोहम्मद जीशान अय्यूब) रातोंरात सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा लोकप्रिय हो जाता है.उसके भाषण की गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुंचती है.फिल्म में जीशान अय्यूब के रोल को देखते हुए कहा जा सकता है कि जीशान अय्यूब एक दमदार कलाकार हैं,और उन्होंने युवा छात्र नेता के रूप में एक बार फिर से खुद को साबित किया है.

फिल्म में सभी के रोल को देखने के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म में सबसे दिलचस्प रोल कॉमेडियन सुनील ग्रोवर का है.समर प्रताप सिंह के सबसे भरोसेमंद व्यक्ति गुरपाल चौहान के किरदार में सुनील ग्रोवर कठोर और चालाक दिखे हैं.उन्होंने फिल्म में अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है.फिल्म में उनकी ओर से किए गये संवाद बेहद ही अहम रहे हैं जिसे प्रभावी ढंग से सामने लाने में वो सफल रहे हैं.वहीं, गौहर खान, सारा जेन डायस, डिनो मोरिया, संध्या मृदुल,अनूप सोनी, हितेश तेजवानी जैसे कलाकारों ने कहानी को मजबूत बनाने में पूरा सहयोग दिया है.
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