नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में पहली बार महिला कमांडोज को शामिल किया गया है.सीआरपीएफ की इस कोबरा यूनिट को जंगल वॉरफेयर में महारत हासिल है.पहली महिला प्लाटून में कुल 34 महिला कमांडोज को शामिल किया गया है.जिन्हें तीन महीने की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने के बाद भयानक नक्सली इलाके में तैनाती दी जाएगी.

सीआरपीएफ के महानिदेशक, डॉक्टर ए पी महेश्वरी और वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी मे इन महिला कमांडोज़ ने प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग का नमूना दिखाया.इस प्रदर्शन में महिला कमांडोज़ ने आंखों पर पट्टी बांधकर वैपन-हैंडलिंग, फील्ड-क्राफ्ट ड्रिल, आग के ऊपर से जंप करने से लेकर शारीरिक-क्षमता और अपने सामरिक-कौशल का परिचय दिया.जिसे देखकर वहां मौजूद सभी हतप्रभ रह गयें.

इस मौके पर सीआरपीएफ की डीजी ने बताया कि इस प्लाटून को कोबरा यूनिट में शामिल जरूर किया गया है, लेकिन अभी इन्हें तीन महीने की कड़ी ट्रेनिंग से और गुजरना होगा.ये ट्रेनिंग ठीक वैसी ही होगी जैसा कि पुरूष कमांडोज़ को दी जाती है.तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद इन कोबरा कमांडोज़ को LWE यानि लेफ्ट विंग एक्सट्रेमिज़्म वाले इलाकों में तैनात किया जाएगा.इन LWE वाले इलाकों में छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य भी शामिल है.

आपको बतायें कि सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ.ए.पी माहेश्वरी के मुताबिक सीआरपीएफ की महिला जवानों ने खुद कोबरा यूनिट में शामिल होने का आग्रह किया था.अभी सीआरपीएफ में 5 महिला बटालियन हैं और कोबरा की नई बटालियन को मिलाकर अब कुल 6 महिला बटालियन हो जाएंगी.इनमें से एक बस्तरिया बटालियन भी शामिल हैं जो कि छत्तीसगढ़ का एक नक्सल प्रभावित इलाका है.

सीआरपीएफ की कोबरा यूनिट में शामिल होने वाली पहली महिला प्लाटून को शामिल करने में सबसे बड़ी खास बात ये है कि सीआरपीएफ की पहली महिला बटालियन के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर इन महिला प्लाटून को शामिल किया गया.वहीं सीआरपीएफ एशिया का अबतक का सबसे पहला ऐसा केंद्रीय पुलिस बल था जिसने महिलाओं को शामिल किया था.
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